बीजिंग। चीन (china) में जल्द ही गर्भवती महिलाएं(pregnant women) पति की आपत्ति के बावजूद सिजेरियन प्रसव (Right to caesarean delivery despite husband’s objection) चुन सकेंगी। सरकार (Government) उन्हें यह हक देने जा रही है। शक्तिशाली परंपराओं (powerful traditions) वाले चीनी समाज(chinese society) के उलट इस कदम को महिला अधिकारों की रक्षा (protect women’s rights) की दिशा में ताजा कदम माना जा रहा है।
चीन की संसदीय स्थायी समिति(China’s Parliamentary Standing Committee) इस हफ्ते महिला अधिकार व हित संरक्षण कानून संशोधन(Women’s Rights and Protection of Interest Act Amendment) समेत कई विधेयकों पर चर्चा के लिए बैठक करेगी। यह कानून सबसे पहले 1992 में पारित हुआ था। फिलहाल, पति की मंजूरी के बाद ही कोई अस्पताल गर्भवती को सिजेरियन प्रसव की अनुमति देता है।
पुरानी समस्याएं नहीं हुईं खत्म
यह कानून कई वर्षों से प्रभाव में है, लेकिन समाज व अर्थव्यवस्था की तरक्की के साथ कुछ समस्याएं खत्म नहीं हुईं और कुछ नई दिक्कतें भी सामने आ खड़ी हुईं। लिहाजा, इसमें संशोधन किया जाएगा। -ही यीतिंग, सामाजिक मुद्दों के संसदीय अधिकारी
झेलना पड़ता है पारिवारिक-सामाजिक दबाव
मौजूदा कानून के तहत महिलाओं को बराबर अधिकार मिले थे, लेकिन अब भी उन्हें विवाह व बच्चे पैदा करने से लेकर करियर बनाने तक में पारिवारिक-सामाजिक दबावों का सामना करना पड़ता है।
चीनी समाज में बहस तेज
नए कानून पर भी चीनी समाज में बहस तेज हो गई है। कुछ लोगों का कहना है कि सिजेरियन प्रसव से महिला और शिशु को नुकसान हो सकता है। ऑपरेशन कराने वाली माताओं को ठीक होने में भी ज्यादा समय लगेगा।