
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विचारधारा से समझौता सबसे बड़ा विश्वासघात है। ‘आप उन्हें क्या कहेंगे, जिन्होंने महज मुख्यमंत्री बनने के लिए बाला साहेब की विचारधारा से समझौता कर लिया। आप भाजपा के साथ गठजोड़ कर चुनाव लड़े और फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस तथा राकांपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। क्या यह विश्वासघात नहीं है?’’
मुख्यमंत्री ने मालेगांव में एक रैली में कहा, ‘उन्होंने बाला साहेब ठाकरे की विरासत बचाने के लिए बगावत की। यदि मैंने मुंह खोला तो भूकंप आ जाएगा। कुछ लोगों के विपरीत मैंने छुट्टियां मनाने के लिए हर साल विदेश यात्रा नहीं की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के ठाकरे के फैसले पर सवाल उठाते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि वह जानते हैं कि शिवसेना के दिवंगत नेता आनंद दिघे के साथ क्या हुआ था। उन्होंने दिघे का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं इस बात का गवाह हूं कि ‘धर्मवीर’ के साथ क्या हुआ था।’ उल्लेखनीय है कि शिंदे के राजनीतिक गुरु दिघे की 2002 में एक सडक़ दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। शिंदे ने उल्लेख किया कि शिवसेना के संस्थापक की पुत्रवधू स्मिता ठाकरे और उनके (बाला साहेब के) बड़े पोते निहार ठाकरे ने भी उनका (शिंदे का) समर्थन किया है।
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