
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से महिला अधिकारों के हनन और उनके उत्पीड़न के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां तक कि उन्हें पढ़ने-लिखने से भी दूर रखा जा रहा है। इसका जीता-जागता सबूत सामने आया है। दरअसल, यहां की कनकोर यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी किया है, जिसमें टॉपर्स की लिस्ट में एक भी महिला नहीं है।
यूनिवर्सिटी का रिजल्ट जारी होने के बाद तालिबान की एक बार फिर से आलोचना शुरू हो गई है। नेटिजन्स का कहना है कि यह निराश करने वाला है कि अफगानिस्तान के कनकोर विश्वविद्यालय की टॉप-10 सूची में एक भी महिला छात्र नहीं है।
तालिबान से पहले टॉप करती थीं महिलाएं
अफगानिस्तान के मीडिया समूह ‘खामा प्रेस’ के मुताबिक, तालिबान शासन से पहले अफगानिस्तान के विश्वविद्यालयों में लड़कियां टॉपर्स में शामिल थीं। 2020 व 2021 में कनकोर विश्वविद्यालय के रिजल्ट में शम्सिया अलीजादा व सेल्गई बरान नाम की छात्राओं ने टॉप किया था।
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