नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central government) की लंबे समय से कोशिश है कि भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब (manufacturing hub) बनाया जाए और इस मामले में चीन को कड़ी टक्कर दी जाए. इसकी शुरुआत एपल इंक (apple inc) के भारत में अपने प्रोडक्ट्स (products) की बड़े पैमाने पर मैन्युफैक्चरिंग करने से हो चुकी है. अब सरकार देश में सस्ते लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर (Laptops, Tablets & Computers) जैसे अन्य आईटी हार्डवेयर बनाने को प्रोत्साहन दे रही है. इससे देश में 2 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद भी है.
बुधवार को कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnav) ने जानकारी दी कि सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए 17,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है. सरकार ने देश में अलग-अलग सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम शुरू की है. इसमें भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को उनके प्रोडक्शन के आधार पर सरकार से बेनेफिट मिलता है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि सरकार आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम के तहत 17,000 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान करेगी. ये राशि अगले 6 साल में खर्च की जाएगी. इससे देश में प्रत्यक्ष तौर पर करीब 75,000 लोगों को और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलाकर करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. इसी के साथ उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना का फायदा लैपटॉप, टैबलेट, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर, सर्वर और अन्य छोटे आईटी हार्डवेयर डिवाइस बनाने वाली कंपनियों को जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि देश के अंदर हर साल लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर का प्रोडक्शन बढ़ता जाएगा और इस तरह 3.35 लाख करोड़ की वैल्यू के प्रोडक्ट्स तैयार होंगे. वहीं इसके लिए कुल 2,430 करोड़ रुपये का निवेश भी आएगा. सरकार ने अप्रैल 2020 में पीएलआई स्कीम की शुरुआत की थी. जबकि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई स्कीम फरवरी 2021 में लॉन्च की गई. लतब सरकार ने इसके लिए 7,350 करोड़ रुपये का आवंटन किया था. इसके बाद हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों ने सरकार से आवंटन बढ़ाने की गुजारिश की थी.
Share: