
इंदौर। अपने अधिकृत प्रत्याशी द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस ने इंदौर के चुनाव को नोटा बनाम भाजपा का रंग दे दिया है। प्रारंभिक तौर पर शहर के लोगों से अच्छा रिस्पांस मिलने के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे को असरकारक तरीके से मैदान में नहीं ला पा रही है। कांग्रेस की तैयारी कागजों पर बहुत मजबूत है पर अमल मैदान में कमजोर नजर आ रहा है। इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज इंदौर में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ली। वे चाहते हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ता इस मुद्दे को घर-घर ले जाने में कोई कसर बाकी न रखें।
दो-तीन दिन तक चली बैठकों में यह तय हुआ था कि नोटा के प्रचार-प्रसार के लिए शहर में करीब 50 होर्डिंग लगाए जाएंगे। इसके अलावा बैनर और पोस्टर भी अलग-अलग क्षेत्र में लगाए जाएंगे। कुछ ऐसी प्रचार सामग्री भी तैयार की जाएगी, जो पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर लोगों से नोटा में वोट देने की अपील करेंगे। इसके अलावा एफएम रेडियो के माध्यम से भी नोटा पर बटन दबाने का अनुरोध किया जाएगा। इन सब फैसलों पर अभी तक असरकारक अमल होता दिख नहीं रहा है। सोशल मीडिया पर जरूर कांग्रेस ने अलग-अलग फोरम के माध्यम से आक्रामक कैंपेन शुरू कर दिया है। इसके अलावा बड़ी संख्या मेंऑटो रिक्शा पर भी पोस्टर लगाए गए हैं।
अलग-अलग संगठनों के माध्यम से जारी होगी अपील
कांग्रेस अलग-अलग संगठनों के माध्यम से भी नोटा में वोट की अपील जारी करवा रही है। लोकतंत्र बचाओ समिति के नाम से भी कुछ प्रचार सामग्री जारी करवाई गई है। इसके अलावा शहर के कुछ प्रमुख लोगों के ऑडियो क्लिपिंग भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह इंदौर के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए नोटा पर बटन दबाने का आग्रह कर रहे हैं।
पटवारी आक्रामक कैंपेन के पक्ष में
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी नोटा के मामले में आक्रामक कैंपेन के पक्ष में हैं। उन्होंने स्थानीय नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि अगले 5 दिन में इस मुद्दे को पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर पहुंचाना होगा। इंदौर में कैंपेन के सूत्र संभालने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और शोभा ओझा को उन्होंने इस मामले में फ्री हैंड दिया है।
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