img-fluid

CJI खन्ना ने बताई आपबीती, जब घर पहुंच गया एक अपराधी तो…

March 08, 2025

नई दिल्‍ली। देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjeev Khanna) ने कहा कि समाज में आपराधिक कानूनों के महत्व को कम नहीं आंका जाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि युवा वकील आपराधिक मुकदमों को पहली पसंद के रूप में अपनाएंगे।

जस्टिस खन्ना गुरुवार को देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित द्वारा संपादित पुस्तक ‘रतनलाल और धीरजलालज लॉ ऑफ क्राइम:अ काम्प्रिहेन्सिव कमेंटरी ऑफ भारतीय न्याय संहिता 2023’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे।

यह कार्यक्रम दिल्ली हाई कोर्ट के सभागार में पूर्व प्रधान न्यायाधीश, विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सुप्रीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। उपस्थित समूह को संबोधित करते हुए CJI खन्ना ने कहा कि जब गिरफ्तारी और हिरासत से निपटने की बात आती है, तो आपराधिक कानून सीधे तौर पर व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजिक सद्भाव और राज्य की शक्ति एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच मौलिक संतुलन को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं कानून के छात्रों, वकालत के पेशे में आए नये व्यक्तियों को देखता हूं, तो उनमें से कई आपराधिक मुकदमे में करियर को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। सच्चाई यह है कि जिला अदालतों में अधिकांश मुकदमे आपराधिक मुकदमे ही होते हैं। इसलिए हमें आपराधिक कानून के महत्व को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और मुझे उम्मीद और विश्वास है कि वकीलों सहित कई युवा धीरे-धीरे आपराधिक कानून को दूसरी या मजबूरी के बजाय पहली पसंद के रूप में अपनाएंगे।’’

सीजेआई ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि युवा वकीलों को क्यों आपराधिक कानून को करियर बनाना चाहिए। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में काम करते हुए एक यादगार अनुभव साझा किया। जस्टिस खन्ना ने कहा, “एक बार मुझे आश्चर्य हुआ जब एक अपराधी मेरे घर आया और उसने मुझे ‘धन्यवाद’ कहा। यह एक ऐसा अनुभव था जिसने मुझे संतुष्ट किया।” उन्होंने कहा कि वह दोषी व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से उन्हें धन्यवाद देने आया था, जब वह मामले में एमिकस क्यूरी के रूप में पेश हुए थे।



CJI ने बताई आपबीती
उन्होंने उस मामले को याद करते हुए कहा, “दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में मैंने राज्य का बचाव किया और दोषियों के लिए कुछ मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में भी पेश हुआ। एक बार मुझे आश्चर्य हुआ जब एक दोषी मेरे घर आया और उसने कहा ‘धन्यवाद’। यह एक ऐसा अनुभव था जिसने मुझे संतुष्ट किया। यही वह है जो एक आपराधिक वकील कमाता है, जो आप शायद एक सिविल वकील या यहां तक ​​कि एक संवैधानिक वकील के रूप में भी नहीं कमा सकते।”

प्रधान न्यायाधीश खन्ना ने कहा कि न्याय व्यवस्था ने आपराधिक कानून में साक्ष्य आधारित दृष्टिकोण को अपनाया है और भविष्य में आपराधिक न्यायशास्त्र व्यवहार और सामाजिक गतिशीलता के बारे में अपरीक्षित कथनों पर निर्भर नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह डेटा पर अधिकाधिक निर्भर करेगा। डेटा मौजूद है, डेटा बोलता है। विश्लेषणात्मक उपकरण मौजूद हैं। हमें जो करने की आवश्यकता है, वह यह है कि आपराधिक कानून को साक्ष्य के आधार पर आगे बढ़ाया जाए।’’

न्यायमूर्ति ललित ने पुस्तक को इस रूप में लाने से पहले इसके ‘‘जांच के स्तरों’’ से गुजरने पर बात की और कहा, ‘‘यह मेरा पहला प्रयास है, लेकिन यह अंतिम प्रयास नहीं हो सकता।’’ दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के अधिनियमन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि न्याय सुलभ, कुशल और विकसित होते समाज की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

Share:

  • ‘आप खुद से अधिक बनें…’, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कंगना रनौत का महिलाओं को संदेश

    Sat Mar 8 , 2025
    डेस्क। आज के दिन को पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रही है। इस दिन के मौके पर बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर महिलाओं को सशक्त करने का संदेश दिया है। उन्होंन संदेश में महिलाओं को एक देवी का दर्जा दिया है। कंगना रनौत ने अपने एक्स अकाउंट […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved