
नई दिल्ली । नेशनल हेराल्ड (National Herald) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering case) की सुनवाई सोमवार को राउज एवेन्यू के विशेष कोर्ट के सामने हुई। इस दौरान कंपनी यंग इंडियन (Young Indian) के वकील ने कोर्ट के सामने दावा किया कि आयकर विभाग (Income Tax Department) ने ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचारपत्र की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को दिए गए 90 करोड़ रुपये के कथित ऋण को दिखावटी लेनदेन बताया था और कहा था कि ‘‘पैसे कहीं नहीं गए’’, लेकिन यह ईडी के मामले का आधार बन गया।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के सामने ईडी पर सवाल उठाते हुए कंपनी के वकील माधव खुराना ने शिकायत को बेतुका बताया। उन्होंने कहा, “जो शिकायत की गई है, वह बेतुकी बातों से भरी हुई है और इसमें स्वाभाविक रूप से बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं। वकील ने कहा, “ईडी को आरोपों की सत्यता की जांच करना वैधानिक रूप से आवश्यक था। लेकिन सामान्य जांच भी नहीं की गई। क्योंकि शिकायत किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा नहीं बल्कि एक निजी नागरिक द्वारा की गई है। आखिर शिकायतकर्ता (सुब्रमण्यम) स्वामी 2,000 करोड़ रुपये के आंकड़े पर कैसे पहुंचे?’’ उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के अनुसार 90 करोड़ रुपये का ऋण एक दिखावटी लेनदेन था और पैसा कहीं नहीं गया।
ईडी ने गलत तरीके से कार्यवाही की: डोटेक्स मर्चेंडाईस
मामले में अन्य आरोपी डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश वकील प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि ईडी ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत की पंजीकृत प्रति के अभाव में ईसीआईआर दर्ज करने के लिए गलत तरीके से कार्यवाही की। उन्होंने तर्क दिया कि मामले में कुछ दस्तावेज, जिनमें ऋण की अदायगी, उस पर लगाए गए ब्याज और अन्य से संबंधित दस्तावेज शामिल हैं, एजेंसी द्वारा दबा दिए गए थे।
दुबे ने दलील दी, “ईडी ने इस मामले में गलत तरीके से काम किया है, क्योंकि उन्होंने 30 जून, 2021 को प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज करते समय शिकायत (सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा) की प्रमाणित प्रति प्राप्त किए बिना ही काम करना शुरू कर दिया था।” उन्होंने कहा कि एजेंसी ने विभिन्न चरणों में अपराध की आय को परिभाषित करते समय अलग-अलग रुख अपनाया।
गांधी परिवार ने भी किया दावों का विरोध
इससे पहले गांधी परिवार ने भी पूर्व में ईडी के दावों का विरोध किया है। पित्रोदा के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल, जो अब शिकागो में रहते हैं, को कोई विशेष भूमिका नहीं सौंपी गई थी और उन्होंने ‘‘कानून के दायरे में रहते हुए सब कुछ किया।’’ दूसरी ओर, सुमन दुबे के वकील ने तर्क दिया कि शिकायत में अपराध से प्राप्त धन का खुलासा नहीं किया गया है।
ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन (धन शोधन) और चार (धन शोधन के लिए सजा) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है।
आपको बता दें! प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार प्रकाशित करने वाली एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों के धोखाधड़ी से अधिग्रहण पर साजिश और धनशोधन का आरोप लगाया है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन के 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले में धोखाधड़ी करके एजेएल की संपत्ति हड़प ली।
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