
डेस्क: फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (President Emmanuel Macron) ने पेरिस (Peris) की एक रैली (Rally) में इशारा किया है कि 2027 में वो राष्ट्रपति पद की दौड़ में नहीं होंगे. हालांकि हाल ही में पेरिस में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच दिए बयान से भी ये भी साफ झलकता है कि वो राजनीति (Politics) से अगल होने का इरादा नहीं रखते. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मैक्रों 2032 में फिर से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं?
पेरिस में एक रैली के दौरान मैक्रों ने अपने समर्थकों से कहा कि मुझे अगले दो सालों में, पांच सालों में और दस सालों में आपकी जरूरत पड़ेगी. इस बयान को फ्रांस की राजनीति में उनके लंबे वक्त तक सक्रिय रहने की मंशा के तौर पर देखा जा रहा है. ये रैली उस युवा विंग की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित की गई थी जिसे मैक्रों ने अपनी पहली राष्ट्रपति पद की दावेदारी के वक्त तैयार किया गया था.
फ्रांस के संविधान में किसी भी नेता को लगातार तीन बार राष्ट्रपति बनने की इजाजत नहीं देता. ऐसे में 2027 में मैक्रों चाहकर भी चुनाव नहीं लड़ सकते. लेतिन ये रोक सिर्फ लगातार कार्याकालों पर है. यानी अगर वो एक कार्यकाल का ब्रेक लेते हैं तो 2032 में फिर से किस्मत आजमा सकते हैं. मैक्रों खुद कह चुके हैं कि वो पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें तीसरी बार चुनाव लड़ने से संविधान ने रोका है. हालांकि वो इस नियम को बदलने की कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं लेकिन भविष्य की तैयारी जरूर कर रहे है.
खबर के मुताबिक मैक्रों भले ही 2032 की उम्मीदवारी को लेकर खुलकर कुछ नहीं कर रहे हों लेकिन उनके इरादे कहीं न कहीं जाहिर हो रहे हैं. मई महीने में एक इंटरव्यू के बाद फ्रेंच संसद की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ कि सरकार ने एक सर्वे करवाया था जिसमें लोगों से पूछा गया था कि अगर मैक्रों 2032 में फिर से चुनाव लड़ते हैं तो क्या वो उन्हें वोट देंगे. सर्वे भले ही सरकार ने करवाया हो लेकिन रिपोर्ट सीधे राष्ट्रपति भवन एलिजे पैलेस तक पहुंचाई गई थी. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मैक्रों भले ही अभी कुछ न कहें लेकिन भविष्य की बिसात बिछाई जा रही है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मैक्रों अब भी राजनीतिक हलचलों के केंद्र में बने रहना चाहते हैं. आम तौर पर फ्रांस में राष्ट्रपति चुनावी अभियान के बाहर रैलियों से दूर रहते हैं, लेकिन मैक्रों ने ये परंपरा तोड़ी है. हालांकि, हाल के दिनों में उनकी लोकप्रियता तेजी से गिरी है. एक ताजा सर्वे के मुताबिक केवल 22% फ्रांसीसी नागरिक ही उन पर भरोसा करते हैं. ऐसे में मैक्रों को अब यह भी साबित करना होगा कि वो लेम डक नहीं हैं.
खबर के मुताबिक 2027 के लिए मैक्रों की पार्टी के अंदर ही संभावित उम्मीदवारों की चर्चा शुरू हो गई है. रैली में मैक्रों के भाषण से कुछ देर पहले फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री और मौजूदा पार्टी प्रमुख गेब्रियल अत्ताल ने इशारों में ही सही, लेकिन अपनी दावेदारी ठोक दी. इससे पार्टी के अंदर प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है और मैक्रों को भी इस बात की चिंता सता रही है कि अगले दो साल सब 2027 की जोड़-तोड़ में न गुजार दें.
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