
नई दिल्ली । संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने संसद (Parliament) में अपने शुरुआती अनुभवों को साझा किया। इसके साथ ही उन्होंने संसद में शिष्टाचार और संयम की मिसाल की भी बात की। उन्होंने बताया कि कैसे वह एक बाद तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी (Somnath Chatterjee) के पास सांसदों के लिए स्मोकिंग रूम की मांग करने पहुंचे थे, जिसके लिए उन्हें जमकर डांट पड़ी थीं। गौरतलब है कि रिजिजू का यह संबोधन ऐसे समय में आया है, जब मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष की तरफ से लगातार हंगामा किया जा रहा है।
प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन द्वारा आयोजित संसद रत्न पुरस्कार समारोह में रिजिजू ने अपने शुरुआती अनुभवों को याद करते हुए एक मजेदार लेकिन दिलचस्प किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं पहली बार लोकसभाध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से मिला, तो मैं स्मोकिंग करने वाले सांसदों के लिए एक कमरा मांगने गया था। उन्होंने मुझे डांटते हुए कहा, ‘यह लोकसभाध्यक्ष से तुम्हारी पहली मुलाक़ात है और तुम इसके लिए आए हो?’ उस दिन मुझे अच्छी डांट पड़ी और मैंने सीखा कि मुझे ऐसे पद पर बैठे व्यक्तियों से उद्देश्यपूर्ण तरीके से सम्पर्क करना चाहिए।’’ आपको बता दें यूपीए के पहले कार्यकाल के समय 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष थे।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैसे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने संसदीय शिष्टाचार की मिसाल कायम की। उन्होंने कहा, ‘‘उस समय, हम बोलने से पहले दो बार सोचते थे क्योंकि दिग्गज लोग सुन रहे होते थे। अब व्यवधान पहले दिन से ही शुरू हो जाते हैं। शायद सोशल मीडिया की वजह से चीजें बदल गई हैं।’’
इससे पहले केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे विपक्षी सांसदों पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही ठप्प होने से सरकार को ही फायदा होता है। क्योंकि वह संसद ही होती है, जहां पर विपक्ष सरकार को जवाबदेह ठहरा सकता है, सवाल पूछ सकता है, जब ऐसा नहीं होता है तो अधिकारी राहत की सांस लेते हैं क्योंकि ज्यादा सवाल ही नहीं होते हैं।
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