
नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) पर कथित टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ मानहानि का मामला (Defamation Case) दर्ज किया गया था. अब इस मामले में कांग्रेस (Congress) नेता को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगाई है. कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल, राहुल गांधी ने राहुल गांधी चीन के साथ 2020 के गलवान घाटी संघर्ष को लेकर बयान दिया था. उन्होंने सेना पर टिप्पणी की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आखिर आपने यह संसद में क्यों नहीं कहा और सोशल मीडिया पर क्यों कहा? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे हिंदुस्तानी है तो आपको यह नहीं कहना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके पास भले ही अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता है, लेकिन यह क्यों कहा. आप एक जिम्मेदार नेता हैं. वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता के तौर पर वह यह सब नहीं कह सकते, तो इसका क्या नतीजा निकलेगा?
जस्टिस दत्ता ने कहा कि आपको कैसे पता चला कि चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर कब कब्जा कर लिया? विश्वसनीय जानकारी क्या है? एक सच्चा भारतीय ऐसा नहीं कहेगा. जब सीमा पार कोई विवाद हो तो क्या आप ये सब कह सकते हैं? आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि आपने हाईकोर्ट में दूसरी लाइन ली थी.
सिंघवी ने कहा कि एक तरीका है कि आप विपक्ष के नेता बन जाएं और सब को बदनाम करें. लेकिन यहां ऐसा नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया. रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने तीन सप्ताह में जवाब मांगा. मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लखनऊ की एमपी-एमएलए अदालत द्वारा पारित समन आदेश को चुनौती देने वाली गांधी की याचिका को खारिज कर दिया था.
राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था क्योंकि उन्होंने सेना को लेकर टिप्पणी की थी. राहुल गांधी ने कहा था कि चीनी सैनिक “अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई कर रहे हैं.” यह टिप्पणी 2022 में राजस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई थी.
कांग्रेस नेता ने कहा था, लोग भारत जोड़ो यात्रा, अशोक गहलोत और सचिन पायलट वगैरह के बारे में इधर-उधर पूछेंगे. लेकिन वे चीन के 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा करने, 20 भारतीय सैनिकों को मारने और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों की पिटाई के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछेंगे. भारतीय प्रेस उनसे इस बारे में एक सवाल भी नहीं पूछता. उनके इसी बयान को लेकर मामला दर्ज किया गया था.
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