
नई दिल्ली. अमेरिका (America) में भारतीय मूल (Indian-origin) के टेलीकॉम कंपनी के CEO बैंकिम ब्रह्मभट्ट (Bankim Brahmabhatt) पर 500 मिलियन डॉलर (4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा) के बड़े वित्तीय घोटाले (financial scam) का आरोप लगा है. वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट ने फर्जी ग्राहक खातों और राजस्व के दस्तावेज तैयार कर अमेरिकी बैंकों से भारी कर्ज हासिल किया.
ब्रह्मभट्ट ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस नामक कंपनियों के मालिक हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कई निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि उनके व्यवसायों की आय और ग्राहक आधार बहुत मजबूत है, जबकि असल में वह कई गैर-मौजूद ग्राहकों और फर्जी लेन-देन पर आधारित थी.
इस घोटाले में प्रमुख निवेश फर्म HPS इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स और वैश्विक एसेट मैनेजमेंट दिग्गज BlackRock के समर्थित फंड भी शामिल हैं. WSJ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2024 में लेनदारों ने मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि ब्रह्मभट्ट ने गैर-मौजूद राजस्व स्रोतों को कर्ज की गारंटी के रूप में गिरवी रखा.
2020 से कंपनी को मिल रहे थे लोन
HPS ने सितंबर 2020 में ब्रह्मभट्ट की एक कंपनी को कर्ज देना शुरू किया और यह राशि धीरे-धीरे बढ़कर 2021 की शुरुआत तक 385 मिलियन डॉलर और अगस्त 2024 तक 430 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई. इन कर्जों का लगभग आधा हिस्सा BNP Paribas बैंक द्वारा वित्तपोषित किया गया था.
कंपनी ने दिवालियापन के लिए दायर की याचिका
अब उनकी कंपनियों ने Chapter 11 दिवालियापन संरक्षण के तहत अदालत में आवेदन किया है, जो अमेरिकी कानून के तहत कंपनियों को पुनर्गठन का मौका देता है. इसी दिन ब्रह्मभट्ट ने निजी दिवालियापन की याचिका भी दाखिल की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, जब पत्रकार न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी स्थित उनके कार्यालय पहुंचे, तो वहां ताला लटका मिला और पड़ोसियों ने बताया कि कई हफ्तों से कोई वहां नहीं दिखा. जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, संभावना है कि ब्रह्मभट्ट अमेरिका छोड़कर भारत लौट आए हों. उनके वकील ने हालांकि सभी आरोपों को निराधार बताया है.
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