
नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) कार्यसमिति सदस्य और सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) लगातार दूसरी बार पार्टी की अहम बैठक से अनुपस्थित (absent) रहे, जिसके बाद राजनीतिक हलकों (political circles) में उनकी भूमिका और रुख को लेकर चर्चा फिर तेज हो गई है। रविवार को सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई कांग्रेस की रणनीतिक समिति की बैठक में थरूर मौजूद नहीं थे। यह बैठक संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर बुलाई गई थी।
SIR मुद्दे पर भी अनुपस्थित, लेकिन मोदी कार्यक्रम में दिखे
कुछ दिन पहले थरूर SIR मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में भी नहीं पहुंचे थे, तब उन्होंने बीमारी का कारण बताया था। लेकिन सवाल तब उठे जब उससे एक दिन पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में मौजूद रहे। इसके बाद उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर PM मोदी की तारीफ करने वाले पोस्ट भी दिखे, जिससे पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ गई।
थरूर की ओर से सफाई- मां के साथ यात्रा पर थे
थरूर के दफ्तर ने बताया कि वे केरल में थे और 90 वर्षीय मां को साथ लेकर बाद की फ्लाइट से लौट रहे थे, इसलिए बैठक में शामिल नहीं हो सके। उधर, स्थानीय चुनाव प्रचार के चलते कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी बैठक में नहीं पहुंच पाए।
कांग्रेस नेताओं ने जताई नाराजगी
एक कांग्रेस नेता ने एएनआई से कहा शशि थरूर की समस्या यह है कि शायद वे देश को उतना नहीं समझते। अगर आपको लगता है कि पीएम मोदी या भाजपा की नीतियां बेहतर हैं, तो फिर कांग्रेस में क्यों हैं? अगर आप स्पष्टीकरण नहीं देते, तो यह दोहरा रवैया है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी कहा पीएम मोदी के भाषण में मुझे कोई प्रशंसा योग्य बात नहीं लगी। वे लगातार कांग्रेस पर ही निशाना साधते रहे। मुझे समझ नहीं आता कि थरूर को उसमें क्या अच्छा लगा।
थरूर-कांग्रेस संबंध पर फिर उठ रहे सवाल
कांग्रेस और शशि थरूर के रिश्तों में खटास नई नहीं है, खासतौर पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब कई मौकों पर थरूर ने पीएम मोदी के प्रति सकारात्मक टिप्पणियां कीं। अब लगातार दो अहम बैठकों से गैरहाजिरी ने पार्टी के भीतर उनकी प्रतिबद्धता को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
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