ओस्लो। डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने साफ कहा है कि ‘किसी मित्र देश के खिलाफ जासूसी नहीं की जा सकती।’ उनका यह बयान तब आया जब एक अमेरिकी अखबार ने रिपोर्ट दी कि अमेरिका ने ग्रीनलैंड में खुफिया जानकारी जुटाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। ग्रीनलैंड डेनमार्क का हिस्सा है, लेकिन उसे आंशिक रूप से स्वायत्तता प्राप्त है।
इस मामले को लेकर डेनमार्क ने कोपेनहेगन में मौजूद अमेरिका की शीर्ष राजनयिक जेनिफर हॉल गॉडफ्रे को विदेश मंत्रालय में बुलाया। डेनमार्क के वरिष्ठ राजनयिक जेपे ट्रानहोल्म-मिकेलसेन ने इस मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि मंत्रालय ने ज्यादा जानकारी साझा नहीं की और अमेरिकी दूतावास ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद से यह मामला संवेदनशील बन गया। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ग्रीनलैंड में आजादी की मांग करने वाले आंदोलन और वहां अमेरिकी खनिज उत्खनन को लेकर जनता की भावना पर जानकारी इकट्ठा कर रही हैं।
अमेरिकी खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड ने इन खबरों को गलत बताते हुए कहा कि ये लीक करने वाले डीप स्टेट के लोग राष्ट्रपति को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। गबार्ड ने कहा कि जिन लोगों ने गोपनीय जानकारी लीक की है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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