भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

Rajgarh में पकड़ाया फर्जी अस्पताल चलाने वाला गिरोह

  • सरकारी अस्पताल के ऑक्सीजन सिलेंडर वसूलते थे तीन हजार प्रति घंटा
  • नारियल तेल से सरकारी अस्पताल की दाई करातीथीं प्रसव
  • 22 लोगों पर एफआईआर दर्ज

भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच प्रदेश के बड़े शहरों में निजी अस्पतालों (Private Hospitals) ने मरीजों से जमकर लूट की है। वहीं छोटे शहरों में फर्जी अस्पताल (Fake Hospital) भी पकड़े गए हैं। राजगढ़ जिले (Rajgarh District) में प्रशासन ने सीएचएल (CHL) नाम से संचालित फर्जी अस्पताल (Fake Hospital) पकड़ा है। अस्पताल में कोई भी विशेषज्ञ एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सक नहीं था। फर्जी तरीके से अस्पताल संचालित करने एवं नवजात शिशुओं की जान से खेलने के आरोप में पुलिस ने 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है। भोपाल संभाग (Bhopal District) में यह अभी तक सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। राजगढ़ पुलिस (Rajgarh Police) सूत्रों के अनुसार चीन में डॉक्टरी की पढ़ाई पास नहीं करने वाले साहिल उद्दीन (Sahil Uddin) ने अपने रिश्तेदारों एवं अन्य के साथ राजगढ़ (Rajgadh) में सीएचएल (एमडी) संचालित किया। अस्पताल (Hospital) की कोई मान्यता नहीं थी, इसके बावजूद भी नर्सिंग होम शुरू कर दिया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्र की प्रसूताओं को भर्ती कराकर उनकी डिलेवरी कराई जाती थी। डिलेवरी के लिए अस्पताल में एक भी महिला विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं थी। न ही पैरामेडिकल स्टाफ प्रशिक्षित था। सरकारी अस्पताल की दाई पार्वती बाई एवं माही शर्मा नारियल तेल के जरिए डिलेवरी कराती थीं। अस्पताल में कोविड मरीजों का भी इलाज किया जा रहा था। जिनसे ऑक्सीजन लगाने के लिए 3 हजार रुपए प्रति घंटा वूसला जा रहा था। खास बात यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर सरकारी अस्पताल से चोरी किए गए थे।

इस तरह पकड़ाया मामला
सीएचएल अस्पताल में पिछले दिनों प्रवस के बाद एक ग्रामीण के बच्चे की मौत हो गई थी। पीडि़त ने इसकी शिकायत कलेक्टर को की। कलेक्टर ने एसडीएम पल्लवी वैद्य केा अस्पताल की जांच के आदेश दिए। जांच टीम बनाकर जब अस्पताल की पड़ताल की गई तो बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ाया। अस्पताल में एक भी वैद्य डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ नहंीं मिला। सरकारी अस्पताल की दाईयां प्रसूताओं को नारियल तेल लगाकर डिलेवरी कराती थी। जांच में पता चला कि पिछले कुछ दिनों के भीतर 4 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। इसके बाद सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कराया गया है। हालांकि अस्पताल के संचालक अभी तक फरार हैं, वे प्रशासन की इस कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बता रहे हैं।

कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई
राजगढ़ में फर्जी अस्पताल का संचालन स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से संचालित हो रहा था। यही वजह है कि सरकारी दाईयां वहां डिलेवरी कराने जाती थी। ऑक्सीजन सिलेंडर भी निजी अस्पताल को भेज दिए। यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में आया तो उन्होंने एक टीम गठित कर जांच कराई। जांच में बड़ा गिरोह सामने आया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गिरोह के जिले के बाहर के लिंक भी तलाशे जा रहे हैं।

ये हैं आरोपी
राजगढ़ में सीएचएल (एमडी)नाम से सरकारी अस्तपाल संचालित करने आरोप में अस्पताल संचालक विनोद शर्मा, साहिल उद्दीन, तनवीर वारसी के खिलाफ गैर इरादन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही अन्य आरोपी रीना, अरुण, पूजा पुष्पद, अनंत कुरैशी, रूपेश वरवासिया, कृष्णा बडोनिया, विशाल वालम्की, देवराजग दांगी, विवेक शर्मा, विक्रम, संजना, अनुष्का सोनी, विशोल गुर्जर, ईश्वर सिंह, रामकैलाश एवं आशिफ को भी आरोपी बनाया है। सरकारी अस्पताल की दाई पार्वती बाई एवं माही शर्मा के खिलाफ भ्ीा केस दर्ज किया है। अस्पताल के संचालकों की सरकारी अस्पताल में भी सेंटिंग थी। जहां से कोविड मरीज एवं प्रसूताओं को भेजा जाता था।

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