img-fluid

Aero India 2025, भारत में पहली बार एक साथ स्टेल्थ फाइटर जेट्स उतारेंगी दो वैश्विक महाशक्तियां

  • February 14, 2025

    बेंगलुरू। इतिहास में पहली बार, दो वैश्विक महाशक्तियां (Two Global Superpowers) – संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) और रूस (Russia) अपने सबसे उन्नत 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट्स (5th Generation stealth Fighter Jets) को भारतीय धरती (Indian soil) पर एक साथ प्रदर्शित कर रही हैं. एयरो इंडिया दुनिया के शीर्ष विमानन कंपनियों के लिए एक मंच बन गया है, जहां वे एक साथ खड़े होकर भारत की रणनीतिक वैश्विक शांति और एक उभरती हुई एयरोस्पेस शक्ति (Aerospace power) की भूमिका को साबित करते हैं।

    रूस लगातार अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट Su-57 की ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. वहीं, इस रेस में अमेरिका का F-35 फाइटर जेट शामिल है. वो भी दमदार फाइटर जेट है लेकिन भारत के लिए ये जानना जरूरी है कि दोनों में से कौन उसके लिए बेहतर है?


    क्या सिर्फ विमान खरीदे जाएंगे? या फिर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत भारत में निर्माण भी होगा. क्योंकि निर्माण होता है तो देश में मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही हजारों लोगों को रोजगार का अवसर भी. इससे भारत का अमेरिका या रूस के साथ संबंध मजबूत होगा. भारत में बने फाइटर जेट की बिक्री से देश को भी फायदा होगा. साथ ही रक्षा उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

    Su-57 इस मामले में अमेरिकी फाइटर जेट से कहीं आगे हैं. ये 2600 km/hr की स्पीड से उड़ान भरता है. जबकि F-35 की अधिकतम गति 1900 किलोमीटर ही है. यानी सुखोई-57 को तेज गति वाले सिनैरियो में फायदा मिलेगा।

    Su-57 और F-35 दोनों में ही 12-12 हार्डप्वाइंट्स हैं. यानी छह अंदर और छह बाहर. दोनों कई तरह के हथियार ले जा सकते हैं. लेकिन रूसी फाइटर जेट इस मामले में भी एफ-35 से आगे है. इसमें कई शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, गाइडेड एरियल बम लग सकते हैं. जबकि एफ-35 में सीमित हवा से हवा वाली मिसाइलें या बम लग सकते हैं।

    लंबी दूरी पर हमला करने की ताकत…
    Su-57 में लगने वाली R-37M मिसाइल रूस की कटिंग एज टेक्नोलॉजी वाला हथियार है. ये हथियार F-35 की रेंज से दोगुना दूरी तक जाकर हमला करता है. इसका इस्तेमाल रूस ने यूक्रेन की जंग में बेशुमार किया है।

    स्टेल्थ और परफॉर्मेंस…
    सू-57 का स्टेल्थ सिस्टम बिना स्पीड कम किए और मैन्यूवरिबिलिटी को नुकसान पहुंचाए काम करता है. इससे कॉम्बैट में और बचकर निकलने में फायदा मलता है. F-35 का फोकस ऐसे स्टेल्थ तकनीक पर है जो सिर्फ ग्राउंट अटैक में इस्तेमाल होता है. हवा में जंग करने के मामले में इसकी ताकत सीमित हो जाती है।

    किस तरह की जंग…
    F-35 को असल में ग्राउंड स्ट्राइक मिशन के लिए बनाया गया है. यह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, जासूसी, सर्विलांस, रीकॉन्सेंस जैसे मिशन को भी पूरा कर सकता है. जबकि रूसी फाइटर जेट मल्टी-रोल फाइटर जेट है. यह कई तरह के ऑपरेशन कर सकता है. एयर सुपीरियरिटी से लेकर स्ट्राइक मिशन तक.

    रेंज…
    F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है. अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. Su-57 की कॉम्बैट रेंज 1250 किलोमीटर है. अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.

    सुपरक्रूज…
    Su-57 और F-35 दोनों ही सुपरसोनिक हैं. लेकिन एफ-35 सुपरक्रूज की सीमा है. वजह है उसका एयरफ्रेम. वो ज्यादा समय तक इस स्पीड में उड़ान नहीं भर सकता।

    Share:

    ममता कुलकर्णी फिर से बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर

    Fri Feb 14 , 2025
    प्रयागराज। ममता कुलकर्णी (Mamta Kulkarni) दो दिन बाद फिर से किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर (Mahamandaleshwar) बन गई हैं। उन्होंने गुरुवार के दिन सोशल मीडिया पर 1 मिनट 14 सेकंड का वीडियो जारी कर कहा कि उनकी गुरु डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Lakshmi Narayan Tripathi) ने उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया है। याद दिला दें, ममता […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved