भोपाल। 29 साल बाद इस बार सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व दो शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। इस साल रक्षाबंधन के पर्व पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। भद्रा सोमवार को सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इसके बाद राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 9 बजकर 27 मिनट से रात्रि 9 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
भाई और बहन के प्रेम का पर्व रक्षाबंधन इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग व दीर्घायु योग में मनाया जाएगा। इन योगों के होने से इस साल रक्षाबंधन पर्व की शुभता और अधिक बढ़ गई है। रक्षाबंधन के अवसर पर इससे पहले यह शुभ मुहूर्त 1991 में बने थे। इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग व दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा, उत्तराषाढ व श्रावण नक्षत्र, प्रीति व आयुष्मान योग बन रहा है। रक्षाबंधन के पर्व पर राखी की थाली में रेशमी वस्त्र, केसर, सरसों, चावल, चंदन, और कलावा रखकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद राखी भगवान शिव की प्रतिमा को अर्पित करनी चाहिए। भगवान शिव को अर्पित किया गया यह धागा अथवा राखी भाई की कलाई पर बांधें।
बाहर से नहीं आ पाएंगे भाई
शहर अथवा गांवों में रहने वाली उन बहनों के लिए परेशानी हो सकती है जिनके भाई दूसरे शहरों में रहते हैं। यह भाई कोरोना महामारी के कारण अपनी बहनों से मिलने के लिए नहीं आ पाएंगे। क्योंकि वर्तमान समय में सीमित मात्रा में ही यातायात के साधन चल रहे हैं । इसके चलते ज्यादातर ऐसी बहनें जिनके भाई दूर हैं। वह अपने भाइयों को ऑनलाइन राखी ही बांधेंगी।
राशि के अनुसार बहनें बांधेंगी भाइयों को राखी
बहनें अपने भाइयों को राशि के हिसाब से राखी बांधेगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चौपड़ा के अनुसार मेष राशि के भाइयों के लिए सुनहरी या लाल, वृषभ राशि सफेद, मिथुन राशि हरा, कर्क राशि गुलाबी, सिंह राशि लाल, कन्या राशि हरा या आसमानी, तुला राशि सफेद, वृश्चिक राशि लाल व पीला, धनु राशि पीला या नारंगी, मकर राशि नीला, कुंभ राशि वाले भाइयों को सुनहरी या पीले रंग की राखी बांधी जाएगी ।
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