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आखिर क्‍यों दिखनें लगती है जीभ सफेद, देखें कहीं किसी बीमारी का संकेत तो नही?

नई दिल्‍ली। जीभ का सफेद (tongue white) दिखना बहुत ही अजीब दिखता है. इसके कारण कई बार मुंह से दुर्गंध आने की समस्या भी होने लगती है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर जीभ सफेद हो कैसे जाती है और क्या ये सेहत से जुड़े कोई खास संकेत देती है? इस आर्टिकल में जीभ के सफेद होने की वजहों (reasons) और इसके मायने बताए जा रहे हैं. साथ ही यह भी कि संबंधित समस्याएं होने पर आपको क्या करना चाहिए…

1. सफेद जीभ का कारण
हर व्यक्ति की जीभ सफेद होने के अलग कारण हो सकते हैं. लेकिन एक बात जो सबमें समान होती है, वह ये है कि सफेद जीभ सभी को असहज करती है. आमतौर पर सफेद जीभ होने का अर्थ यह होता है कि आपकी रोग प्रतिरोधक(Immunity) क्षमता काफी कमजोर हो गई है. यानी आपको अपना इम्यून सिस्टम मजबूत करने की जरूरत है. और जिन लोगों में सफेद जीभ की समस्या होती है, उनमें से ज्यादातर में इम्यूनिटी की कमजोरी ही सामने आती है.

कमजोर इम्यूनिटी के कारण जीभ पर बैक्टीरिया (bacteria) की संख्या काफी बढ़ जाती है और फंगी पनप जाती है. ये कई तरह के बैक्टीरिया और फंगी हम सभी के शरीर में रहते हैं और ये हमारे शरीर के जरूरी भी होते हैं. लेकिन जब रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है तो इन बैक्टीरिया और फंगी का संतुलन बिगड़(out of balance) जाता है. इसका नतीजा यह होता है कि जीभ काफी सफेद नजर आने लगती है.

2. जीभ सफेद दिखने के अन्य कारण
जिन लोगों की कीमोथेरपी चल रही होती है, उन्हें भी जीभ सफेद होने की समस्या हो जाती है.



किसी लंबी गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति, जो लंबे समय से दवाओं का सेवन कर रहा हो, उसे भी टंग वाइट होने की समस्या हो सकती है.

कुछ बहुत ही कम केसेज में या कहिए कि कुछ दुर्लभ मामलों में यह समस्या एड्स के रोगियों में भी देखने को मिलती है. क्योंकि यह रोग भी सबसे पहले इम्यूनिटी पर ही अटैक करता है.

3. समस्या का समाधान
जैसा कि आप जान चुके हैं कि जीभ पर सफेदी का जमना इस बात का संकेत है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है तो आपको अपनी इसी इम्यूनिटी को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए.

आप अपनी डायट पर ध्यान दें
अपने भोजन में विटमिन्स और न्यूट्रिएंट युक्त भोजन शामिल करें.
डॉक्टर की सलाह लें और उनकी देखरेख में कुछ जरूरी सप्लिमेंट्स का सेवन करें.
रोज एक्सर्साइज जरूर करनी है. क्योंकि इससे भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
तनाव से दूर रहना है. क्योंकि तनाव शरीर को खोखला करता है. इससे बचने के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं हम इसकी सत्‍यता व जांच का दावा नही करते हैं.

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