img-fluid

किसानों के विरोध के बाद बिजवाड़ में इंदौर-बुधनी रेल लाइन का अधिग्रहण सरकार ने रोका

June 18, 2025

  • – व्यापक जन विरोध के चलते सरकार ने लिया फैसला
  • – आंदोलनकारियों पर पुलिस ने किया बल प्रयोग
  • – कांटाफोड़ अस्पताल में हुआ आठ महिलाओं का मेडिकल

इंदौर। इंदौर-बुधनी रेल लाइन के लिए ग्राम बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने का काम व्यापक जन विरोध के चलते हुए रोक दिया गया है। सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के परिणामस्वरूप यह काम रुका है। इस दौरान आंदोलन कर रहे नागरिकों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग भी किया गया। इस बल प्रयोग में घायल 8 महिलाओं का अस्पताल में मेडिकल हुआ है। इस रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो गई है। देश के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने का काम शुरू हुआ तो इस योजना का विरोध कर रहे किसान मौके पर जाकर डट गए। इंदौर के किसान नेता हंसराज मंडलोई भी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वहां पर एक तरफ सरकारी जमीन है, लेकिन उस पर रेल लाइन नहीं डालते हुए किसानों की जमीन पर रेल लाइन डालने का काम किया जा रहा है।

सरकार द्वारा जमीन के अधिग्रहण पर गाइडलाइन के हिसाब से मुआवजा देने का फैसला लिया गया है। यह गाइडलाइन पिछले 15 साल से बढ़ाई नहीं गई है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के समय गाइडलाइन 20 प्रतिशत कम जरूर कर दी गई थी। ऐसे में कम मुआवजे में अपनी जमीन छीने जाने से किसानों में आक्रोश है। किसानों द्वारा बिजवाड़ में जमीन का कब्जा लेने की कोशिश का मैदानी विरोध किया जा रहा है। इस विरोध के चलते बड़ी संख्या में किसान मौके पर डट गए। ऐसे में पुलिस द्वारा किसानों को हटाने के लिए बल प्रयोग किया गया। बल प्रयोग में इस आंदोलन में शामिल कई महिलाएं घायल हो गईं। घायल हुईं महिलाओं में से 8 महिलाओं का कांटाफोड़ के सरकारी अस्पताल में मेडिकल कराया गया।


मात्र लाख-पचास हजार रुपए मुआवजा, किसान कैसे खुद को संभालेगा
मौके पर निरंतर बिगड़ती स्थिति और जनता के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार द्वारा कल जमीन का कब्जा लेने का काम स्थगित कर दिया गया है। मंडलोई ने बताया कि बुधनी क्षेत्र में जिन किसानों की जमीन जा रही है, उनका मुआवजा 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का बन रहा है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस मुआवजे से किसान कैसे खुद को फिर से स्थापित कर सकेगा। मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जो की गाइडलाइन के समतुल्य मुआवजा दे रहा है। पिछड़े प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला बिहार भी गाइडलाइन से चार गुना मुआवजा दे रहा है।

Share:

  • फास्टैग पर नितिन गडकरी का बड़ा एलान; तीन हजार का वार्षिक पास लॉन्च किया, इस दिन से होगा प्रभावी

    Wed Jun 18 , 2025
    नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा, ‘हम 3,000 रुपये (Rs. 3000) की कीमत वाला फास्टैग-(Fastag) आधारित वार्षिक पास (annual pass) पेश कर रहे हैं, जो 15 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। यह एक्टिव होने की तारीख से एक साल या 200 यात्राओं तक के लिए वैध रहेगा। सक्रिय होने की तारीख […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved