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पूर्वोत्तर के बाद इन चार राज्यों के लिए खाका तैयार, हिमाचल की तर्ज पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

नई दिल्ली (New Delhi)। पूर्वोत्तर राज्यों (North Eastern States) के चुनाव के बाद अब सबकी नजर कर्नाटक (Karnataka), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh assembly elections) पर है। कांग्रेस (Congress) इन चुनाव में महिला मतदाताओं को केंद्र में रखकर चुनाव रणनीति का खाका तैयार कर रही है। पार्टी को भरोसा है कि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की तरह इन राज्यों में भी आधी आबादी भाजपा (BJP) के बजाए कांग्रेस पर भरोसा जताएगी।

कांग्रेस इन सभी प्रदेशों में महिलाओं के लिए अलग घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी कर रही है। कर्नाटक में महिला मतदाताओं की तादाद 49 फीसदी है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) कर्नाटक में महिलाओं के लिए ‘ना नायकी’ यानी मैं नेता हूं, अभियान शुरू कर चुकी हैं। इसके साथ पार्टी ने महिलाओं को दो हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया है।


महिलाओं के खाते में हर माह 2000 रुपये जमा होंगे
कर्नाटक में पार्टी ने गृह लक्ष्मी योजना के तहत हर माह 2000 रुपए सीधे महिलाओं के खाते में जमा करने का वादा किया है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपए प्रति माह देने का ऐलान किया है। इसके जवाब में कांग्रेस ने सरकार बनने पर 1500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया है। कांग्रेस रणनीतिकार मानते हैं कि पार्टी को कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सत्ता तक पहुंचना है, तो आधी आबादी का भरोसा जीतना होगा।

वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सरकार बरकरार रखने के लिए पार्टी को महिलाओं का साथ जरूरी है। यही वजह है कि इस साल राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारों के आखिरी बजट में महिलाएं केंद्र में रही है। कर्नाटक में मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 15 लाख है। इनमें से दो करोड़ 55 लाख महिला मतदाता हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी आधी आबादी को नजरअंदाज नहीं कर सकती। मध्य प्रदेश के पांच करोड़ 39 लाख मतदाताओं में दो करोड़ 60 लाख 23 हजार महिला मतदाता हैं। राजस्थान में भी महिला मतदाताओं की संख्या करीब 50 फीसदी है।

छत्तीसगढ़ में महिला और पुरुष मतदाताओं की तादाद बराबर
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, अभी तक हम समाज के किसी वर्ग को खास तौर पर केंद्रित कर चुनाव रणनीति नहीं बनाते थे। पर पिछले कुछ चुनावों से पार्टी ने महिलाओं और युवाओं पर खास ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी ने संविधान में संशोधन कर महिलाओं और युवाओं को भी उचित प्रतिनिधित्व देने की बात की है। इसका लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ में महिला और पुरुष मतदाताओं की तादाद लगभग बराबर है। कई आदिवासी सीट में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। इसलिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजट में आगंनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 3,500 हजार रुपये के इजाफे के साथ घरेलू और कामकाजी महिलाओं के लिए भी कई योजनाओं का ऐलान किया है।

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