फिल्म अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgn) ने देश के बहादुर सिपाहियों को एक कविता (Poem) समर्पित की है। इस कविता का शीर्षक सिपाही है और इस भावुक कविता को खुद अजय ने अपनी आवाज में सुनाया भी है। कविता के जरिये अजय (Ajay Devgn) ने देश के वीर सिपाहियों को श्रद्धांजलि दी है। अजय देवगन ने सोशल मीडिया पर इस ख़ूबसूरत और भावुक कविता को साझा भी किया है।
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कविता में अजय कहते हैं -‘ सरहद पर गोली खाकर जब टूट जाए मेरी सांस, मुझे भेज देना यारों मेरी बूढी माँ के पास। बड़ा शौक था उसे, मैं घोड़ी चढूं। ढम -ढम ढोल बजे, तो ऐसा ही करना। मुझे घोड़ी पर ले जाना, ढोल बजाना और पूरे गाँव में घुमाना और मेरी माँ से कहना, बेटा दूल्हा बन कर आया है। बहू नहीं ला पाया तो क्या बारात तो लाया है। मेरे बाबूजी पुराने फौजी हैं, बड़े मनमौजी हैं कहते थे ,बच्चे तिरंगा लहरा के आना या तिरंगे में लिपट कर आना। कह देना उनसे मैंने उनकी बात रख ली। दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई, आखिरी गोली भी सीने पे खाई। मेरा छोटा भाई उससे पूछना क्या मेरा वादा निभाएगा! मैं सरहद से बोल के आया था एक बेटा जाएगा तो दूसरा आएगा। मेरी छोटी बहना उससे कहना, मुझे याद था उसका तोहफा लेकिन अजीब इत्तेफाक हो गया, राखी से पहले भाई राख हो गया। वो कुएं के सामने वाला घर दो घड़ी के लिए वहां जरूर ठहरना। यहीं तो रहती है, जिसके साथ जीने मरने का वादा किया था। उससे कहना भारत माँ का साथ निभाने में उसका साथ छूट गया। एक वादे के लिए दूसरा वादा टूट गया। बस एक आखिरी गुजारिश, मेरी आखिरी ख्वाहिश, मेरी मौत का मातम मत करना । मैंने खुद ये शहादत चाही है। मैं जीता हूँ मरने के लिए मेरा नाम सिपाही हैं।’
अजय देवगन की दिल छू लेने वाली ये कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फैंस के साथ -साथ मनोरंजन जगत की हस्तियां भी अजय देवगन की इस मार्मिक कविता की जमकर तारीफ कर रही हैं।
वर्कफ़्रंट की बात करें तो अजय देवगन जल्द ही कई फिल्मों में अभिनय करते नजर आएंगे। जिसमें भुज द प्राइड ऑफ़ इण्डिया, सूर्यवंशी, मैदान, आरआरआर, गंगूबाई काठियावाड़ और थैंकगॉड आदि शामिल हैं।
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