इंदौर न्यूज़ (Indore News)

कांग्रेस के साथ BJP के भी सारे मंत्री दवे बंधुओं के रहे मददगार


इंदौरी राशन माफिया की ये है अंदरुनी सच्चाई… 25 सालों से खाद्य विभाग पर कर रखा था कब्जा
इन्दौर। सालों से राशन माफिया ने कई कंट्रोल दुकानों पर कब्जा कर रखा था और खाद्य विभाग भी उसके इशारों पर चलता रहा। पहली बार कलेक्टर मनीष सिंह ने राशन माफिया पर ना सिर्फ नकेल डाली, बल्कि दवे बंधुओं पर रासुका भी लगाई और उनकी अचल सम्पत्तियों की भी पड़ताल की जा रही है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री के साथ तो दवे बंधुओं की अत्यंत नजदीकी उजागर हो ही गई, मगर हकीकत यह है कि जितने भी खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री रहे वे सभी दवे बंधुओं के मददगार भी रहे।


खाद्य महकमे और कंट्रोल दुकानों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले 20-25 सालों से दवे बंधुओं का दबदबा रहा है, जिसके चलते पूरे खाद्य विभाग में उसकी तूती बोलती रही। अभी कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के साथ दवे बंधुओं की नजदीकियां उजागर हुई है और सोशल मीडिया पर जन्मदिन मनाने से लेकर अन्य फोटो भी सामने आए। वहीं कल कलेक्टर मनीष सिंह ने भरत दवे, श्याम दवे को रासुका में निरुद्ध किया। हालांकि प्रमोद दहीगुड़े बच गए, जो संघ से जुड़े बताए जाते हैं। इधर कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के भी जितने खाद्य मंत्री पिछले 15 सालों में रहे उन सभी से इन राशन माफियाओं की नजदीकियां रही है। हालांकि निलंबित किए गए खाद्य नियंत्रक आरसी मीणा, जिनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई गए, वे भी दिग्गज कांग्रेस नेताओं से जुड़े रहे हैं। यही कारण है कि कई बार शिकायत होने के बाद भी राशन माफिया के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की। अगर स्थानीय स्तर पर खाद्य विभाग के निरीक्षक थोड़ी-बहुत भी जांच करते थे, तो सीधा ऊपर से फोन आ जाता था। भाजपा के ही कई पूर्व खाद्य मंत्री दवे बंधुओं के मददगार रहे, जिसके चलते पिछले 20-25 सालों से इनका नेटवर्क कायम हो गया और 150 से अधिक कंट्रोल दुकानें इनके नियंत्रण में आ गई। अब कलेक्टर मनीष सिंह ने पहली बार सख्त कार्रवाई इन माफियाओं के खिलाफ की है।
दवे बंधुओं के नाम पर नहीं मिली अधिक सम्पत्तियां
कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ निगम के अमले को भी दवे बंधुओं की सम्पत्तियों की खोजबीन में लगा रखा है। निलंबित किए गए खाद्य नियंत्रक आरसी मीणा की भी अवैध कमाई से अर्जित सम्पत्तियों को तलाशा जा रहा है, लेकिन अभी तक दवे बंधुओं के नाम पर अधिक सम्पत्तियां नहीं मिली है। अलबत्ता परिवार के लोगों के नाम पर ही ज्यादातर सम्पत्तियां सामने आई है। एक-दो दिन में राशन माफियाओं के नाम की सम्पत्तियों का खुलासा हो गजाएगा।


अफसरों की पिटाई के साथ करवाए तबादले भी
कलेक्टर ने अधिकारियों के साथ निगम के अमले को भी दवे बंधुओं की सम्पत्तियों की खोजबीन में लगा रखा है। निलंबित किए गए खाद्य नियंत्रक आरसी मीणा की भी अवैध कमाई से अर्जित सम्पत्तियों को तलाशा जा रहा है, लेकिन अभी तक दवे बंधुओं के नाम पर अधिक सम्पत्तियां नहीं मिली है। अलबत्ता परिवार के लोगों के नाम पर ही ज्यादातर सम्पत्तियां सामने आई है। एक-दो दिन में राशन माफियाओं के नाम की सम्पत्तियों का खुलासा हो गजाएगा।


कंट्रोल संचालकों को प्रशासन करेगा बॉण्ड ओवर
अभी ये शिकायत प्रशासन को मिल रही है कि कई कंट्रोल दुकानें समय पर नहीं खुलती है। लिहाजा जिले के सभी कंट्रोल दुकान संचालकों को नोटिस दिए जा रहे हैं और एसडीएम द्वारा उनकी मॉनिटरिंग होगी और बॉण्ड ओवर भी करेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक गरीबों को राशन ना देने वाले कंट्रोल संचालकों को जेल भी भिजवाएंगे और सख्ती से इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। अभी कलेक्टर ने 31 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है और सभी कंट्रोल दुकानों की जांच-पड़ताल भी साथ में चल रही है।

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