श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। तीर्थयात्रा के पहले दिन 12,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने दक्षिण कश्मीर हिमालय (South Kashmir Himalaya) में अमरनाथ की पवित्र गुफा (Holy cave of Amarnath) में शिवलिंग के दर्शन किए। अधिकारियों ने बताया, “तीर्थयात्रा के पहले दिन कुल 12,348 तीर्थयात्रियों ने 3,880 मीटर ऊंची गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना की।” अधिकारियों ने बताया कि इसमें 9,181 पुरुष तीर्थयात्री, 2,223 महिला तीर्थयात्री, 99 बच्चे, 122 साधु, सात साध्वी और आठ ट्रांसजेंडर शामिल थे। अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए व्यापक और कड़े सुरक्षा प्रबंध किए हैं।
अधिकारियों ने आगे कहा कि उन्हें पहले दिन तीर्थयात्रा में इतनी बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद नहीं थी, खासकर इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर। इस साल तीर्थयात्रा को सुचारू रूप से चलाने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
यात्रा सुबह-सुबह पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में पहलगाम स्थित नुनवान आधार शिविर और मध्य कश्मीर के गंदेरबल में सोनमर्ग स्थित बालटाल आधार शिविर से सुबह होते ही तीर्थयात्री पवित्र गुफा की ओर रवाना हुए। ‘बम बम भोले’ और ‘हर हर महादेव’ के जयघोष के साथ तीर्थयात्री रवाना हुए। उनके चेहरों पर आगे की कठिन यात्रा के बावजूद खुशी के भाव थे।
गुजरात से आए एक तीर्थयात्री ने कहा, ”बाबा ने हमें आशीर्वाद दिया है और चारों ओर जबरदस्त उत्साह और उमंग का माहौल है।” उन्होंने लोगों से बिना किसी डर के यात्रा पर आने का आग्रह किया और कहा कि चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण डरने की कोई जरूरत नहीं है। एक अन्य तीर्थयात्री ने कहा, ”बहुत अच्छे इंतजाम हैं। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं। कड़ी सुरक्षा है। अन्य इंतजाम भी ठीक हैं।” तीर्थयात्रियों में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे भी शामिल हैं, जो बालटाल के रास्ते बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रही हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने बुधवार को जम्मू के भगवती नगर में यात्रा आधार शिविर से 5,892 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी। तीर्थयात्री दोपहर में कश्मीर घाटी पहुंचे जहां प्रशासन तथा स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया गया है।तीर्थयात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।
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