भोपाल। राजधानी भोपाल में दो साल बाद अनंत चतुर्दशी के जुलूस (चल समारोह) निकलेंगे। मुख्य जुलूस पुराने शहर में निकाला जाएगा। कोरोना के चलते जुलूस निकालने पर बंदिशें थीं, लेकिन इस बार संक्रमण कम है और जुलूस निकालने की कोई रोक नहीं है। रात में मूर्तियों का विसर्जन होगा। कोरोना संक्रमण के चलते वर्ष 2020 और 2021 में अनंत चतुर्दशी के जुलूस नहीं निकले थे। सार्वजनिक रूप से नदी और तालाबों में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन पर भी रोक लगी हुई थी। चूंकि, इस बार संक्रमण कम है और कोई रोक-टोक भी नहीं है। इसलिए बड़े स्तर पर जुलूस निकालने की तैयारियां की जा रही है। श्री हिंदू उत्सव समिति जुलूस की अंतिम तैयारी कर रही है।
समिति के अध्यक्ष कैलाश बैगवानी ने बताया, अनंत चतुर्दशी चल समारोह के शुरू होने के दो घंटे और समापन होने के दो घंटे बाद तक रूट की सभी मदिरा दुकानों, अहातों को बंद रखने की मांग की है। ताकि इनमें आने वाले अशांति ना फैला सकें। बैगवानी ने रानी कमलापति घाट का भ्रमण कर विसर्जन मशीन को गहरे पानी तक बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था करने की बात भी कही है। ताकि, हादसा न हो। उन्होंने जुलूस रूट की सभी रोड क्रॉसिंग कर रही बिजली की सर्विस लाइनों, डिस्क केबल, टेलीफोन आदि लाइनें एक तरफ करने की मांग की। इससे वे टूटेंगे नहीं और इलाके की बिजली बंद नहीं होगी। रूट पर स्थायी रूप से हो चुके अतिक्रमण को भी हटाने की मांग की गई है।
नादरा बस स्टैंड से शुरू होगा जुलूस
समिति के प्रवक्ता राजेश जैन ने बताया, परंपरागत चल समारोह 9 सितंबर की रात 8 बजे नादरा बस स्टैंड से शुरू होगा, जो घोड़ा निक्कास, छोटे भैया कार्नर, हनुमानगंज, मंगलवारा, ट्रांसपोर्ट एरिया, इतवारा, चिंतामन चौक, पीपल चौक, लखेरापुरा, सोमवारा ,मोती मस्जिद, कमला पार्क होते हुए रानी कमला पतिघाट पर पहुंचेगा।
रूट बदलने की मांग
कुछ समितियों ने रूट बदलने की मांग भी की है। इसकी वजह संकरी सड़कें बताई जा रही है। उनका कहना है कि जिस रूट से जुलूस निकलेगा, वहां की सड़कें काफी संकरी है, जबकि इस बार 8 से 10 फीट ऊंची तक प्रतिमाएं विराजित की गई है। ऐसे में बिजली तारों को नुकसान हो सकता है। हादसे का भी डर रहेगा।
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