प्रधानमंत्री ने खुली छूट दे दी… सेना ने तैयारी शुरू कर दी… युद्ध की घोषणा सुनने के लिए पूरा देश बेकरार है… गली-मोहल्ले-चौराहों पर आक्रोश की तोपें चल रही हैं… रास्ते चलते लोग क्रिकेट मैच की तरह युद्ध के रोमांच को देखने के लिए आतुर हुए जा रहे हैं… हम अमनपसंद, अहिंसावादी, अनुशासित और विकास के लिए समर्पित लोग हैं… हम कमाने-खाने, बनाने-जुटाने में मशगूल रहते हैं… लेकिन अब लडऩे-भिडऩे और मरने-मारने की बात है तो हमें भी तो तैयारी करना होगी… पाकिस्तान स्कूलों की छुट््िटयां करवा रहा है… फौजियों को ड्यूटी पर बुला रहा है… सेना को सरहदों पर भिजवा रहा है… दुनियाभर से मदद मांगने जा रहा है… तुर्की से युद्धपोत तैनात करवा रहा है… गोला-बारूद, अस्त्र-शस्त्र जुटा रहा है…विमानों की उड़ान नाप रहा है… उसकी सरहदी अवाम बंकर बना रही है… जमीन के अंदर छुपने के रास्ते बना रही है… खाने-पीने के सामान जुटा रही है और हम क्या कर रहे हैं… मार दो, मिटा दो के नारे लगा रहे हैं… पाकिस्तान के झंडे जलाकर खुद को शूरवीर बता रहे हैं… प्रदर्शन कर अपनी ताकत बता रहे हैं… अरे भाई… युद्ध होगा तो कारोबार ठप हो जाएगा…उत्पादन बंद हो जाएगा… शहरों में ब्लैकआउट किया जाएगा… सामान का परिवहन मुश्किल हो जाएगा… स्कूल-कॉलेज, पढ़ाई-परीक्षा सब रुक जाएंगे…बाहर पढऩे वाले बच्चे घरों को लौट जाएंगे…आना-जाना, घूमना-फिरना, सैर-सपाटा सब बंद हो जाएगा… गाडिय़ों का पेट्रोल-डीजल बंद हो जाएगा शहर वीरान नजर आएंगे… हालात कोरोना जैसे हो जाएंगे… यदि सरकार युद्ध की तैयारी कर रही है तो हमें भी तैयार होना पड़ेगा… घरों में राशन जुटाना होगा… दवाइयों से लेकर जरूरत का सामान लाना होगा… अपनी आदतों पर अंकुश लगाना होगा और सबसे बड़ी बात अपने घरों, दुकानों, कारोबार, सबको बीमा कराना होगा और बीमे में भी युद्ध से नुकसानी की क्षतिपूर्ति का कॉलम जुड़वाना होगा…बैंकों के कर्जों के ब्याज का भी बजट बनाना होगा… तब जाकर इंतकाम की बेकरारी और हमारी तैयारी नजर आएगी…तब जाकर इंतकाम का इंतजार खत्म हो पाएगा… वरना गोलियां सरहद पर चलेंगी और किल्लत से मौत यहां होती रहेगी… गुर्राना… आक्रोश जताना…युद्ध-युद्ध चिल्लाना आसान है… जीवन जब युद्ध बन जाएगा तब युद्ध का मतलब समझ में आएगा…
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