नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने एक आरटीआई के जरिए अग्निपथ स्कीम की जानकारी मांगने पर कहा है कि वह फाइल ‘सीक्रेट‘ है. दरअसल रक्षा मंत्रालय से राइट टू इनफोरमेशन (right to information) के जरिए अग्निपथ स्कीम से संबंधित जानकारी मांगी गई थी लेकिन मंत्रालय ने एक लेटर लिखकर इसका जवाब दिया है जिसमें इस फाइल को ‘सीक्रेट’ (‘Secret’) मार्क होने की बात कही है. मंत्रालय ने जानकारी नहीं देने के पीछे यह कारण बताया है.
दरअसल पुने के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट विहार दुर्वे (RTI activist Vihar Durve) ने यह आईटीआई लगाई थी. जानकारों ने बताया कि आरटीआई के सेक्शन 8 और 9 के तहत ऐसी जानकारियां आती हैं जिन्हें देने से इनकार किया जा सकता है. बता दें कि 14 जुलाई 2022 को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने अग्निपथ स्कीम की घोषणा करते हुए कहा था कि इसमें 2022 के दिसंबर और 2023 के फरवरी तक 46 हजार जवानों को भर्ती किया जाएगा.
चुने हुए अग्निवीरों में से एक चौथाई को सेना में पर्मनेंट नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा था कि अग्निवीरों को 30 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा जिसमें चौथे साल में 40 हजार दिया जाएगा. 4 साल पूरे होने के बाद जब उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी उस वक्त उन्हें 11 लाख रुपये दिए जाएंगे. इस पर सरकार का कहना है कि इस राशि के जरिए वह अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं या फिर अपनी आगे की पढ़ाई में लगा सकते हैं.
पुरानी प्रक्रिया की जगह नई क्यों
इस स्कीम में सेंट्रल पेरामिलिट्री फोर्सेस और असम राइफल्स को 10% नौकरी देने का आश्वासन दिया था. इस मामले में दुर्वे ने जानकारी मांगी थी कि आखिर क्या वजह है कि पिछली सेना भर्ती प्रक्रिया की जगह यह स्कीम को लाया गया जबकि पुरानी प्रक्रिया लंबे समय के लिए रोजगार प्रदान कर रही थी. दुर्वे ने 23 जुलाई को लगाई आईटीआई में पूछा था कि पैकेज और भत्ते पर क्या चर्चाएं हुई हैं.
मंत्रालय से फिर की अपील
सूचना अधिकारी ने इस आरटीआई पर जानकारी देने से इनकार किया है. दुर्वे ने इस मामले में फिर से डिपार्टमेंट से अपील की है कि जिस जानकारी को देने से उन्हें मना किया गया है वह गलत है. उन्होंने कहा, ‘जानकारी देने से गलत तरीके से मना किया गया है, क्योंकि फाइल को ‘सीक्रेट’ मार्क होना को कारण नहीं है जानकारी नहीं देने का.’