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डॉलर का दबदबा हो रहा कम! चीन का युआन वैश्विक मुद्रा बनने की ओर अग्रसर

वाशिंगटन (Washington)। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच तनावपूर्ण स्थिति कब खत्म होगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। मगर इस युद्ध की आड़ में चीन (China) अपनी मुद्रा युआन (currency yuan) को और मजबूत (strengthen) कर रहा है। इस युद्ध की वजह से दुनिया भर की मुद्राओं (currencies around the world) पर काफी प्रभाव पड़ा है। जिसमें अमेरिकी डॉलर की साख (American dollar credit) को झटका लगा है। ऐसे में चीनी युआन के प्रति अन्य अर्थव्यवस्थाओं की रुचि बढ़ रही है। इस तर चीनी युआन एक महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्रा बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

चीन दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक है। यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध के बाद से दुनियाभर की मुद्राएं प्रभावित हुई हैं। यूरो और डॉलर जैसी अन्य मुद्राओं के गिरते स्तर के बीच अन्य देश अब चीनी युआन के प्रति रुझान दिखा रहे हैं। इससे यह जाहिर होता है कि चीनी युआन (chinese yuan) वैश्विक मुद्रा (global currency) के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। चीन ने लगातार अपनी अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय व्यापार की स्थिति में भी सुधार किया है। यह हाई ग्रोथ रेट और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का नतीजा है। चीन अपनी मौद्रिक नीतियों में मामूली संशोधित कर वैश्विक मुद्रा बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, अभी तक युआन को पूरी तरह से विश्विक मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन हाई ग्रोथ रेट और स्थिरता के चलते यह अब एक मान्य मुद्रा के रूप में मान्यता प्राप्त करने के करीब है।


रूस-यूक्रेन के बीच जो भी घटनाएं घट रही हैं, वे चीनी युआन के बढ़ते प्रभाव को और भी मजबूत कर सकती हैं। दुनिया भर के व्यापारिक दल और निवेशक यूक्रेन के संकट को देखते हुए अलग-अलग मुद्राओं के प्रति संदेह में हैं। इस संदेह की स्थिति में, चीनी युआन विशेष रूप से मान्यता प्राप्त कर सकता है। यह इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते स्थापित करने की तरफ आगे बढ़ रही हैं।

चीनी युआन का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह शानदार कस्टमर बेस के साथ बाजार में अपनी मुद्रा की अवस्था को मेंटेन किए हुए है। चीनी युआन के सामने एक महत्वपूर्ण चुनौती यह भी है कि उसे वैश्विक मुद्रा के रूप में स्वीकृति समय अपनी मुद्रा की स्थिरता को बनाए रखना होगा। अगर वह इस चुनौती का सामना कर पाता है, तो चीनी युआन को वैश्विक मुद्रा मिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के मद्देनजर चीन अपनी मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहा है। चीन की बढ़ती अर्थव्यवस्था और व्यापारिक शक्ति के कारण अन्य देशों और व्यापारिक संगठनों को चीनी युआन को मान्यता देने की आवश्यकता महसूस हो रही है। हाल ही में रूस के साथ पाकिस्तान के हुए एक करार में दोनों देशों के बीच युआन में ही मुद्राओं का आदान प्रदान हुआ था।

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