इंदौर न्यूज़ (Indore News)

अब तक बन चुका होता एलिवेटेड ब्रिज, जनप्रतिनिधियों ने हर बार डाले अड़ंगे

अग्रिबाण ने मई में आयोजित अंतिम मीटिंग में भी किया था खुलासा… चार साल से अटके ब्रिज को अब दी सहमति, जबकि डिजाइन में भी कोई अधिक फेरबदल नहीं किया गया

इंदौर। चार साल से बीआरटीएस पर बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर की ड्राइंग-डिजाइन ही इंदौर के सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि तय नहीं कर सके और हर बार इसको लेकर आयोजित हुई बैठक बिना किसी निर्णय के स्थगित होती रही। अब तक तो 350 करोड़ रुपए का यह ब्रिज लगभग बन ही जाता। अभी मई माह में भी जो अंतिम बैठक विधानसभा चुनाव से पहले हुई उसमें भी चार घंटे जनप्रतिनिधियों ने अफसरों के साथ मगजपच्ची की, मगर किसी भी डिजाइन पर सहमत नहीं हुए और अब कल उसी पूर्व डिजाइन पर सहमति जताते हुए 17 जनवरी को मुख्यमंत्री के हाथों भूमिपूजन करवाने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में भी अधिकांश जनप्रतिनिधि वही थे, जो पूर्व की बैठक में इस ब्रिज की तमाम खामियां निकालते रहे।


जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी तब केन्द्र ने इस एलिवेटेड ब्रिज के लिए 350 करोड़ रुपए की राशि ना सिर्फ स्वीकृत की, बल्कि प्रदेश सरकार को भेज भी दी, जिस पर लोक निर्माण विभाग ने एलिवेटेड ब्रिज की ड्राइंग-डिजाइन फाइनल करते हुए टेंडर बुलाकर एक कम्पनी को इसका ठेका भी दे डाला। मगर बीते चार सालों में ड्राइंग-डिजाइन पर ही इंदौर के जनप्रतिनिधि भ्रमित नजर आए और बीच-बीच में बीआरटीएस को हटा देने की मांग भी उठती रही। अभी भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर को चरणबद्ध तरीके सेहटाने पर सहमति बनी है। उसके बाद इंदौर में भी यह मांग उठने लगी। दूसरी तरफ इस एलिवेटेड ब्रिज को लेकर पूर्व में कई बैठकें हुईं, जिसमें अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि बैठे और बकायदा पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिए इस ब्रिज कीड्राइंग समझाई गई, लेकिन कभी डबलडेकर, तो कभी मेट्रो के साथ, तो कभी बस लेन को ऊपर शिफ्ट करने, तो कभी मिक्स लेन की चौड़ाई बढ़ाने सहित अन्य तमाम तरह के सुझाव दिए जाते रहे। प्राधिकरण दफ्तर में ही विधानसभा चुनाव से पहले इस ब्रिज की ड्राइंग-डिजाइन को लेकर मैराथन बैठक हुई, जिसमें तत्कालीन कलेक्टर, सीईओ प्राधिकरण सहित सांसद, महापौर, प्राधिकरण अध्यक्ष, नगर अध्यक्ष सहित सभी भाजपा विधायक मौजूद रहे और 3 से 4 घंटे की मगजपच्ची के बावजूद डिजाइन पर सहमति नहीं बन सकी और लोक निर्माण विभाग को कहा गया कि वह संशोधित डिजाइन के साथ फिर बैठक आयोजित करे। मगर फिर चुनावी आचार संहिता लग गई और अब कल नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यातायात व्यवस्था पर बैठक बुलाई थी, उसमें बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज को भी मंजूरी दी गई और बताया गया कि अब 17 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इसका भूमिपूजन करेंगे। इस बैठक में वे सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे जो पूर्व की बैठकों में भी शामिल थे और वही पुरानी डिजाइन को सहमति दी, जिसे पहले की बैठकों में नकारा जा चुका था। वरना अब तक तो यह एलिवेटेड ब्रिज बनकर तैयार हो चुका होता।

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