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आपको भी है हाथ में रत्न धारण का शौक? तो जानिए किस उंगली में कौन-सा रत्न पहनना होगा शुभ

नई दिल्‍ली। मनुष्य के जीवन में आ रहे उतार-चढ़ाव का कारण ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार उसकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की स्थिति को माना जाता है. यदि किसी ग्रह की स्थिति उच्च या अच्छी होती है तो व्यक्ति के जीवन में सफलता(success) आती है और शुभ काम होते हैं. वहीं यदि ग्रहों की स्थिति नीच की या अशुभ हो तो अनेक तरह की अड़चन आती हैं.

इन ग्रहों की स्थिति को बैलेंस करने के लिए रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है. परंतु कौन सी उंगली में कौन सा रत्न धारण करना चाहिए इसके विषय में हमें बता रहे हैं …

किस उंगली में कौन सा रत्न पहनें?
सूर्य का रत्न
रत्न शास्त्र (gemology) के अनुसार माणिक को सूर्य का रत्न माना जाता है. रविवार के दिन सूर्योदय होने के साथ-साथ रिंग फिंगर(ring finger) में पहनना शुभ होता है. यह रत्न सोने की धातु में धारण किया जाता है.



चंद्र का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार मोती को चंद्र का रत्न माना जाता है. इसे पहनने के लिए चंद्रोदय का समय सबसे शुभ होता है. मोती को चांदी की धातु में सबसे छोटी उंगली में पहना जाता है.

मंगल का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार मूंगा मंगल(coral mars) का रत्न माना जाता है. इसे तांबे या चांदी की धातु में शाम के समय रिंग फिंगर में धारण करना शुभ होता है.

बुध का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार हरे रंग का पन्ना बुद्ध का रत्न माना जाता है. इसे बुधवार के दिन दोपहर 12:00 से 2:00 के बीच कभी भी धारण करना शुभ (good) होता है. पन्ना को सबसे छोटी उंगली में पहना जाता है.

बृहस्पति का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार पुखराज को बृहस्पति का रत्न माना जाता है. इसे सोने की धातु में तर्जनी उंगली में गुरुवार के दिन सुबह 10:00 से 12:00 के बीच धारण करना शुभ होता है.

शुक्र का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार हीरा शुक्र का रत्न माना जाता है. हीरे को हमेशा सोने की धातु में पहनना चाहिए. इसे शुक्रवार के दिन सुबह 10:00 से 12:00 के बीच धारण करना लाभदायक होता है.

शनि का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम को शनि का रत्न माना जाता है. इसे शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में धारण करना शुभ होता है.

राहु-केतु का रत्न
रत्न शास्त्र के अनुसार राहु-केतु के लिए शनिवार के दिन मध्यमा उंगली में गोमेद धारण करना चाहिए. इसके अलावा सुलेमानी हकीक, हकीक, अकीक और अगेट के नाम से भी प्रचलित है. हकीक कई ग्रहों का उपरत्न है. यह राहु-केतु और शनि के दोषों को कम करने में मददगार साबित होता है.

नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्‍यता की पुष्टि नहीं करते हैं.

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