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बुर्का, यात्रा, पढ़ने-गाने पर रोक… जानें तालिबान राज में औरतों पर क्या-क्या बैन

नई दिल्ली: अफगानिस्तान में करीब दो दशक बाद पिछले साल तालिबान की सत्ता में फिर से वापसी हुई थी. भारी अफरातफरी के बीच तालिबान के हाथों में हुकूमत आते ही लोगों के जेहन में 1996 से 2001 के बीच के उसके पुराने शासनकाल की बर्बरता भरी यादें ताजा हो गईं. लेकिन तालिबान ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस से वादा करना शुरू किया कि वो इस बार पहले जैसा नहीं है. उसका रुख नरम हो चुका है. लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, अफगानिस्तान के लोगों पर आए दिन नई-नई बंदिशें लगाई जा रही हैं. खासकर महिलाओं पर शरिया का हवाला देकर तमाम कट्टरपंथी पाबंदियां लाद दी गई हैं. आइए जानते हैं, तालिबान 2.0 में क्या-क्या पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं.

महिलाओं को पहनना होगा सिर से पैर तक बुर्का
तालिबान सरकार ने शनिवार को नया आदेश जारी करके कहा है कि महिलाओं को अगर जरूरी काम नहीं है तो बेहतर होगा कि वे घर में ही रहें. अगर सार्वजनिक स्थानों पर जाना ही पड़े तो बुर्का पहनना अनिवार्य होगा. ये बुर्का ऐसा होना चाहिए, जिससे सिर से लेकर पैरों तक पूरा शरीर ढक जाए. ऐसा न किया तो उनके पति या पिता को जेल हो सकती है या नौकरी से निकाला जा सकता है. अफगानिस्तान के आचरण एवं नैतिकता मंत्रालय ने इस बारे में तालिबान के सुप्रीम नेता हिबातुल्लाह अखुंदजादा के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि इसके लिए नीले रंग का बुर्का सबसे अच्छा होगा. आचरण और नैतिकता मंत्री खालिद हनाफी ने नए आदेश के पीछे दलील दी कि हम चाहते हैं कि हमारी बहनें सम्मान और सुरक्षा के साथ रहें.

ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर रोक
कुछ दिन पहले अफगानिस्तान के कई इलाकों में महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी पर भी रोक लगा दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान के आदेश के बाद काबुल और दूसरे प्रांतों में महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना बंद कर दिया गया है. तालिबान अधिकारियों ने सभी ड्राइविंग इंस्टीट्यूट से कहा है कि वो महिलाओं को लाइसेंस इश्यू न करें. तालिबान के कब्जे से पहले महिलाएं काबुल सहित देश के कुछ प्रमुख शहरों में ड्राइविंग करते दिख जाती थीं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

छोटी लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद उसके नेताओं ने कहा था कि लड़कियों के स्कूल जाने पर कोई रोक नहीं होगी. लेकिन समय बीतने के साथ ये वादा भी हवा हो गया. 23 मार्च को महिलाओं के लिए स्कूल के दरवाजे खुले तो हजारों लड़कियां स्कूल पहुंच गईं. हालांकि कुछ ही घंटे बाद तालिबान ने नया आदेश जारी करके लड़कियों के लिए छठवीं तक स्कूल बंद करने का ऐलान कर दिया. स्कूलों से महिला स्टाफ को भी निकाल दिया गया. इससे पहले, कॉलेज और यूनिवसिर्टी में लड़के-लड़कियों के साथ पढ़ने पर पाबंदी लगाई गई थी.

बिना पुरुष के अकेले विमान यात्रा नहीं
तालिबान राज में महिलाओं को अकेले विमान यात्रा की इजाजत नहीं है. अफगान सरकार की तरफ से विमान कंपनियों और इमिग्रेशन अधिकारियों को साफ निर्देश हैं कि किसी भी अकेली महिला को विमान में नहीं चढ़ने दिया जाए. चाहे इंटरनैशनल फ्लाइट हो या डोमेस्टिक कोई महिला अकेली यात्रा नहीं कर सकती. अगर उन्हें हवाई जहाज से जाना है तो किसी पुरुष रिश्तेदार जैसे अभिभावक या पति का साथ होना जरूरी है.


सड़कों पर अकेले लंबी यात्रा की इजाजत नहीं
तालिबान राज में महिलाओं को सड़क पर अकेले लंबी यात्रा की भी छूट नहीं है. अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने दिसंबर 2021 में आदेश निकाला था कि अगर किसी महिला को 72 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना है तो वह अकेले यात्रा नहीं कर सकती. इसके लिए किसी पुरुष रिश्तेदार का उसके साथ होना जरूरी है. इसके अलावा आदेश में साफ कहा गया था कि वाहनों के चालक और मालिक ऐसी महिलाओं को यात्रा न कराएं, जिन्होंने बुर्का या हिजाब नहीं पहन रखा हो.

शादियों, कारों में म्यूजिक पर पाबंदी
अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार के कार्यकाल में कारों के अंदर गाने बजाने पर भी रोक है. होटल मालिकों से कहा गया है कि वे शादियों के दौरान लाइव म्यूजिक न बजाएं. यही नहीं, महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग हॉल में इंतजाम करें. यही नहीं, तालिबान ने फिल्मों, खासकर विदेशी फिल्मों को भी शरिया के विरुद्ध बताते हुए रोक लगा रखी है. तालिबान ने पिछले साल नवंबर में फरमान जारी करके टीवी चैनलों पर दिखने वाली पत्रकारों के लिए भी हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया था.

महिला-पुरुषों के एकसाथ काम करने की मनाही
तालिबान ने सत्ता में आने के एक महीने बाद ही दफ्तरों में महिलाओं और पुरुषों के एकसाथ एक ही छत के नीचे काम करने पर रोक लगा दी थी. महिलाएं दफ्तरों और कार्यस्थलों में सिर्फ वही काम कर सकती हैं, जो पुरुषों से नहीं करवाया जा सकता. महिलाओं और पुरुषों के एकसाथ पार्क में जाने की भी मनाही है. तालिबान सरकार के आदेश के मुताबिक, महिलाएं सिर्फ रविवार, सोमवार और मंगलवार को ही पार्क जा सकती हैं. जबकि पुरुष बाकी के चार दिन. दोनों एकसाथ पार्क में दाखिल नहीं हो सकते.

हाई हील पहनने, नेल पॉलिश लगाने पर भी रोक
इनके अलावा भी महिलाओं पर तमाम तरह की पाबंदियां हैं. जैसे तालिबान के राज में वो हाई हील की सैंडल नहीं पहन सकतीं. ऐसा कोई फुटवियर नहीं पहन सकती, जिससे आवाज आती हो. महिलाएं नेल पॉलिश नहीं लगा सकतीं. ज्यादा मेकअप करने पर भी रोक है. महिलाओं को फोटो खींचने, वीडियो बनाने आदि की भी सख्त मनाही है. महिलाएं सार्वजनिक स्थान पर ऊंची आवाज में कुछ बोल नहीं सकतीं. बालकनी में खड़ी नहीं हो सकतीं.

पुरुषों पर भी हैं तमाम तरह की पाबंदियां
तालिबान सरकार में पुरुषों पर भी कई तरह की पाबंदियां हैं. उन्हें दाढ़ी कटवाने तक की इजाजत नहीं है. मार्च में सरकार ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों को दाढ़ी रखनी होगी. स्थानीय परंपरा के अनुसार लंबा कुर्ता और पजामा पहनना होगा. पजामा भी ऐसा जो टखने से ऊपर हो. आचरण मंत्रालय ने कहा था कि उसके प्रतिनिधि आदेश का पालन कराने के लिए दफ्तरों का औचक दौरा करेंगे. कोई नियम का उल्लंघन करता मिला तो उसे नौकरी से निकाला जा सकता है. इसके अलावा, महिलाओं पर लगाई गईं पाबंदियों को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी घर के पुरुषों पर ही डाली गई है. उल्लंघन करने पर कड़ी सजा की चेतावनी दी गई है.

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