अनलॉक का असर… इधर लोग लापरवाह, उधर प्रशासन ने घर-घर से संक्रमित निकाले
इंदौर। इंदौर में बढ़ते पॉजिटिव मरीजों के कारण अस्पतालों की भी स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। जिन अस्पतालों में बेड की 60 प्रतिशत तक की स्थिति रिक्त रहती थी, वह अब घटकर 40 प्रतिशत पर आ गई है और यदि मरीजों की यही रफ्तार रही तो आने वाले एक सप्ताह में इंदौर के तीनों कोविड हास्पिटल लबालब हो जाएंगे। ऐसे में प्रशासन के लिए एक बार फिर चुनौती वाली स्थिति कायम होने लगेगी।
इंदौर में पिछले एक सप्ताह से मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। पहले जहां मरीजों की संख्या 50-60 तक नियंत्रित रहती थी, अब वह 100 के पार पहुंचकर 150 तक निकल गई है। ऐसी स्थिति में इंदौर के कोविड हास्पिटलों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि उसका कारण जिला प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा किल कोरोना अभियान भी है, जिसके कारण घर-घर से संक्रमित मरीजों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने दावा किया है कि उसने अभी तक सारी आबादी का सर्वे कर लिया है और 5 हजार के करीब कोविड संदिग्धों की पहचान की गई है। दरअसल इसी कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। इंदौर के सबसे बड़े अरबिंदो मेडिकल कालेज की क्षमता 1156 बेड की है, वहीं अस्पताल में अब 528 मरीज भर्ती हैं। जून में यहां 300 मरीज रह गए थे। इन मरीजों में भी 120 जहां आईसीयू में हैं, वहीं 200 मरीज ऑक्सीजन पर चल रहे हैं। यही हालत 700 बेडों की क्षमता वाले इंडेक्स मेडिकल कालेज की है, जहां 214 मरीज भर्ती हैं। जून महीने में यहां मात्र 30 से 32 मरीज रह गए थे। 230 बेडों की क्षमता वाले एमटीएच हास्पिटल में 151 मरीज भर्ती हैं। इस तरह यह भी अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रहा है। मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने चोइथराम हास्पिटल को कोविड हास्पिटल से ग्रीन हास्पिटल में परिवर्तित कर दिया था। इस कारण अब शहर में केवल तीन ही कोविड हास्पिटल रह गए हैं और उनके बेड की संख्या घटती जा रही है।
5 हजार संदिग्धों का बैकलॉग है प्रशासन के पास
हास्पिटलों में मरीजों की बढ़ती स्थिति को देखकर प्रशासन ने आज फिर 11 बजे डाक्टरों और अस्पताल संचालकों की बैठक बुलाई है। दरअसल प्रशासन द्वारा चलाए गए किल कोरोना अभियान के तहत घर-घर किए गए सर्वे में केवल 15 ही दिनों में 4889 संदिग्धों की पहचान की गई है। प्रशासन को आशंका है कि इनमें से बड़ी संख्या में मरीज कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए डाक्टरों के साथ बैठक कर प्रशासन द्वारा अगली व्यवस्थाओं को मुकम्मल किया जाएगा।