भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

मतदान से पहले मप्र में ‘आप’ को तगड़ा झटका

  • जिसे मेयर प्रत्याशी बनाया, उसने गुपगुप वापस लिया नामांकन

भोपाल। प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी को भोपाल में बड़ा झटका लगा है। यहां से मेयर कैंडिडेट रानी विश्वकर्मा ने गुपचुप तरीके से अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया और आप नेताओं को इसकी भनक तक नहीं लगी। जैसे ही उन्हें नॉमिनेशन वापस लिए जाने की बात पता चली तो वे कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और रानी ने किन आधार पर नॉमिनेशन वापस लिया, यह जानकारी लेने लगे। दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के सभी नगर निगम में मेयर कैंडिडेट उतारे हैं। भोपाल से रानी विश्वकर्मा को अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया गया था। रानी ने पति राधेश्याम विश्वकर्मा के साथ 18 जून को नॉमिनेशन जमा किया था और प्रचार में जुट गई थीं। इसी बीच 20 जून की शाम को उन्होंने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया। यह जानकारी मंगलवार दोपहर में आप नेताओं को लगी। जिलाध्यक्ष रीना सक्सेना कलेक्टर ऑफिस पहुंची। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे से नाम वापसी के संबंध में जानकारी ली। रीना जिलाध्यक्ष सक्सेना ने कहा कि रानी पर दवाब बनाया गया है।



पहले काटा, फिर कहा- बिजी हूं
मामले में जब रानी विश्वकर्मा के पति राधेश्याम विश्वकर्मा से मोबाइल पर चर्चा की। जैसे ही उनसे पूछा कि क्या आपकी पत्नी ने अपना नॉमिनेशन वापस ले लिया है। यह सुनते ही विश्वकर्मा ने कॉल कट कर दी। दूसरी बार कॉल की तो उन्होंने कहा कि अभी बिजी हूं। विश्वकर्मा से बात नहीं होने से पता नहीं चल सका कि आखिर रानी ने नामांकन वापस क्यों लिया।

अब रईसा मलिक बची विकल्प
रानी के नॉमिनेशन वापस लेने के बाद अब पार्टी के पास रईसा बेगम मलिक ही विकल्प बची है। रईसा मलिक कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में आई है। उन्होंने भी मेयर कैंडिडेट का नॉमिनेशन जमा किया है। ऐसे में अब पार्टी उन्हें ही अपना कैंडिडेट घोषित कर सकती है।

कार्रवाई की जाएगी
प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि जिला पदाधिकारियों को कलेक्टर ऑफिस भेजा है। उनसे चर्चा के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। स्थिति स्पष्ट होने के बाद रानी और उनके पति पर कार्रवाई की जाएगी।

पार्टी का पहला मामला
बता दें कि दि ली और पंजाब में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आम आदमी पार्टी पहली बार मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में किस्मत आजमा रही है। प्रदेश के सभी 16 नगर निगमों से मेयर कैंडिडेट भी उतारे गए, लेकिन भोपाल से मेयर कैंडिडेट के नामांकन वापस लिए जाने का यह पहला मामला है। इससे पूरी पार्टी में हलचलें हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली तक मामला पहुंच चुका है।

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