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बड़ी चुनौती! टेरर फंडिंग के लिए ISIS का नया हथियार बना E-Money

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS ने टेरर फंडिंग का एक नया हथियार तैयार किया है. आतंकी फंडिंग का ये नया तरीका जांच एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है. दरअसल, टेरर फंडिंग के लिए ISIS का ये नया हथकंडा है ई-मनी यानी अपने आतंकियों को पैसे भेजने और फंड रेज करने के लिए ISIS कर रहा है क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन का इस्तेमाल. जांच एजेंसी के लिए इस नेटवर्क को तोड़ना एक बड़ा चैलेंज है.

सूत्रों के मुताबिक, ISIS पहले हवाला कारोबारियों के जरिए पैसा अपने मॉड्यूल को एक देश से दूसरे देश में भेजा करता था, लेकिन हवाला कारोबारियों के ऊपर कसते शिकंजे को देखते हुए अब ISIS ने एक नया तरीका अपना लिया है. हाल ही में, एक मामले की जांच के दौरान फाइल हुई चार्जशीट में सामने आया है कि ISIS एक देश से दूसरे देश में अपने मॉड्यूल तक टेरर फंडिंग के लिए क्रिप्टो करेंसी या बिटकॉइन का इस्तेमाल कर रहा है.


हिंदुस्तान व कई अन्य एशियाई और मिडल ईस्ट देशों से फंड रेज करने में क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहा है. NIA के सूत्रों की मानें तो ISIS का ये तरीका ऐजेंसी के लिए थोड़ा सर दर्द बना हुआ है. सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसियों के पास ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है जिससे वो मनी ट्रांजैक्शन के इस ग्रे-एरिया को पकड़ सके ऐसे में जांच एजेंसी के सामने ये एक बड़ा चैलेंज बना हुआ है.

जेहादियों की रिक्रूटमेंट करने की कोशिश में लगा था मोहम्मद मोहसिन
दरअसल, हाल ही NIA ने बिहार से ISIS के लिए हिन्दुतान में जमीन तैयार कर रहे मोहम्मद मोहसिन अहमद को गिरफ्तार किया था. मोहसीन हिंदुस्तान में ISIS की विचारधारा को ना सिर्फ हवा दे रहा रहा था बल्कि जेहादियों की रिक्रूटमेंट करने की कोशिश में लगा था. NIA ने अपनी चार्जशीट में साफ लिखा है कि मोहम्मद मोहसीन हिंदुस्तान में ISIS के लिए फंड इकट्ठा कर उसे क्रिप्टो कर्रेंसी में तब्दील कर सीरिया भेज रहा था, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी.

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