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एक से दो दिन में विदेश मंत्री पद की शपथ लेंगे बिलावल भुट्टो, नवाज शरीफ के साथ मुलाकात के बाद बनी सहमति


इस्लामाबाद। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी अगले एक से दो दिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री पद की शपथ लेंगे। पीपीपी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। इससे प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार में गठबंधन के सभी सहयोगियों के बीच सब कुछ सामान्य न होने की अटकलों पर विराम लग गया।

पाकिस्तान में विदेश मंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे बिलावल (33) ने मंगलवार को शपथ नहीं ली थी, जिससे उनकी नयी सरकार में शामिल होने में कोई दिलचस्पी न होने की अटकलों को हवा मिली थी।

हालांकि, ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पीपीपी नेता और कश्मीर एवं गिलगित-बाल्टिस्तान से जुड़े मामलों में पाक प्रधानमंत्री के सलाहकार कमर जमान काइरा ने लंदन में संवाददाताओं से बातचीत में इस बात की पुष्टि की है कि बिलावल एक से दो दिन के भीतर विदेश मंत्री पद की शपथ लेंगे।

विदेश मंत्री के रूप में शपथ नहीं लेने के बाद बिलावल ही हाल में लंदन पहुंचे थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने पाकिस्तान के ‘समग्र राजनीतिक हालात’ पर चर्चा की थी और सियासत व राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर मिलकर काम करने का संकल्प लिया।


पीपीपी और पीएमएल-एन – दो मुख्य राजनीतिक दल हैं, जो वैकल्पिक रूप से सत्ता में रहे हैं जब सेना देश पर शासन नहीं कर रही थी। शक्तिशाली सेना ने अपने 75 से अधिक वर्षों के अस्तित्व के आधे से अधिक समय तक तख्तापलट की आशंका वाले देश पर शासन किया है। इससे पहले, सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने भरोसा दिलाया था कि पीपीपी अध्यक्ष पाकिस्तान लौटने के बाद शपथ लेंगे। काइरा ने संवाददाताओं से कहा कि नवाज से मुलाकात के बाद बिलावल पाकिस्तान रवाना हो गए हैं।

सत्तारूढ़ गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगियों नवाज शरीफ और बिलावल ने मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया था। बयान में कहा गया है कि “लोकतंत्र के लिए संवैधानिक जीत, कानून के शासन और संसद की सर्वोच्चता” के बाद आगे के तरीकों पर चर्चा की और मिलकर काम करने पर सहमत हुए। संयुक्त बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि उन्होंने जब भी साथ काम किया है, तो बहुत कुछ हासिल किया है।

बैठक में सभी लोकतांत्रिक ताकतों की सहमति से भविष्य के लिए व्यापक रोडमैप और “लोकतंत्र के विशेषाधिकार” को लेकर छोड़े गए अधूरे काम पर भी चर्चा की गई। इस बात पर भी सहमति बनी कि नए अधिकारों और विशेषाधिकारों के लिए आगे की राह पर मंथन करने के लिए उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन की जरूरत है।

जियो टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अटकलें लगाई जा रही थीं कि पीपीपी सरकार में और हिस्सेदारी चाहती है, लेकिन बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बिलावल और नवाज शरीफ ने अपनी बैठकों के दौरान सीनेट, पंजाब के राज्यपाल या राष्ट्रपति पद से संबंधित किसी भी बात पर चर्चा नहीं की।

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