नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के सितारे गर्दिश से बाहर आते दिख रहे हैं. अब बीएसई और एनएसई ने ग्रुप की 3 कंपनियों को बड़ी राहत दी है, जो इन कंपनियों के शेयर्स में इंवेस्ट करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अडानी ग्रुप की ये तीन कंपनियां अडानी टोटल गैस लिमिटेड, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड हैं.
दरअसल अडानी ग्रुप की इन तीनों कंपनियों के शेयर्स पर दोनों स्टॉक एक्सचेंज ने अपनी निगरानी बढ़ा दी थी. इन तीनों के शेयर्स को एडिशनल सर्विलांस मीजर्स फ्रेमवर्क के दायरे में रखा था, जिससे अब उन्हें बाहर कर दिया गया है.
15 मई से एएसएम के बाहर होंगी कंपनियां
बीएसई और एनएसई इन तीनों कंपनियों के शेयर्स को 15 मई से एएसएम फ्रेमवर्क से बाहर करने जा रही हैं. इससे पहले इन कंपनियों के शेयर होल्डर्स के हितों की रक्षा के लिए ही स्टॉक एक्सचेंज ने इन्हें एएसएम फ्रेमवर्क में रखा था. अडानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन को 24 मार्च को इस दायरे में रखा गया था. जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी को पिछले महीने ही इस फ्रेमवर्क में लाया गया था.
अडानी ट्रांसमिशन जुटाएगी 8,500 करोड़
इसी बीच अडानी ट्रांसमिशन कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मार्केट से 8,500 करोड़ रुपये जुटाने के प्लान को मंजूरी दे दी है. अडानी ट्रांसमिशन इतनी राशि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट से जुटाएगी. वहीं अडानी एंटरप्राइजेज ने भी इसी रास्ते से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बना लिया है. इस तरह अडानी ग्रुप बाजार से 21,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रहा है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों का बुरा हाल बना हुआ है. इस वजह से कंपनी को लगातार बाजार से पैसा उठाने में दिक्कत आ रही है. लेकिन अब समूह की अलग-अलग कंपनियों के बोर्ड ने बाजार के रास्ते से पैसा जुटाने को मंजूरी दे दी है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने लगाए थे गंभीर आरोप
अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी के अंत में अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में समूह पर अपनी कंपनियों के शेयर्स को बढ़ाचढ़ा कर दिखाने और अकाउंटिंग फ्रॉड करने के आरोप लगाए गए थे. इतना ही नहीं रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के 2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को लेकर भी सवाल उठाए गए थे. इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.