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लक्ष्मी तरु की पत्तियों से कैंसर के मरीजों का हो रहा इलाज

हरदा। लक्ष्मी तरु रामबाण औषधि है जिससे कैंसर जैसी लाइलाज जानलेवा बीमारियों का इलाज संभव है । जिले के टिमरनी क्षेत्र सहित तमाम रोगियो को इससे फायदा हुआ और बीमारी पर काबू पाने में सफलता मिली । यह पौधा 2 से 3 वर्ष में तैयार हो जाता है इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पानी का खाली पेट सेवन करने से अनेक बीमारियां छूमंतर हो जाती हैं । नर्सरी का बेहतर संचालन कर रहे रेंजर नागेंद्र सरनकर का कहना है कि इस पौधे की पत्तियों से जिले के सैकड़ों मरीजों को फायदा हुआ है जो प्रत्यक्ष उदाहरण के रूप में है।
यह पौधा बरसों पहले अफ्रीका से आया देश के कमोवेश सभी राज्यों में प्रमुख औषधीय पौधे के रूप में गिना जाता है और उसका बीमारियों और दवा बनाने के काम उपयोग किया जा रहा है। जिले के टिमरनी में सर्वाधिक पेड़ लक्ष्मी तरु के हैं जिसका भरपूर लाभ जरूरतमंद ले रहे हैं । विशेषकर कैंसर के इलाज में इसका सर्वाधिक उपयोग हो रहा है जो जानकार है वे इसका उपयोग करते हैं और यथासंभव प्रचार-प्रसार कर के जागरूकता लाने की दिशा में पहल करते हैं । जिले के कोने-कोने में मरीजों का इलाज लक्ष्मी तरु की पत्तियों से किया जा रहा है।
इन रोगों पर होता फायदा 
लक्ष्मी तरु की पक्तियों से 1 दर्जन से अधिक बीमारियों का इलाज किया जाता है। प्रमुख रूप से कैंसर प्रथम एवं द्वितीय स्तर आंख का रोग, अंदरूनी फोड़ा, पाचन प्रणाली का बचाव, हैली कोबेक्टर पाइलोरी के द्वारा होने वाली गैस ट्रोइटिस, हाइपर, एसिडिटी, डिस्पेशसिया, अमिलियासिस, डापरिया, कोलाइटिस, गुनिया, हरपीज एच.1 एन . 1 हेपेटाइटिस, मलेरिया, फीवर, कोल्डस हीमोरहेज, अनीमिया, न्यूरयूमेटु, आइड अर्थराइटिस आदि बीमारियों के इलाज में लक्ष्मीतरु की पत्तियों का सर्वाधिक उपयोग हो रहा है । 
कैसे करें दवा का सेवन
लक्ष्मी तरु की सूखी पत्तियों को प्रति 10 किग्रा शरीर के वजन पर दो पत्तियों छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर एक गिलास में हल्की आंच उबालें, प्लेट से पात्र को ढाकड़ कर रात भर रखे, दूसरे दिन प्रातरू काल काढे को गर्म करें और छानें उसके बचे द्रव्य को गुनगुना ले,गरारा करें और पिए, पीने के आधे घंटे बाद भोजन करें । छानने से बचे हुए पदार्थ में 200 मिलीलीटर पानी मिलाएं और उस मिश्रण को उबालें । उबालने का काम 10 मिनट तक धीमी आंच में करें ढककर कुछ घंटों के लिए रख दें, मिश्रण को पुनरू गर्म करें । छाने ओर इस छने हुए द्रव्य को रात्रि भोजन से आधे घंटे पहले पिए,यह सभी कार्य स्टील के बर्तन से करने है।
इस संबंध में जिला पंचायत हरदा के सीईओ डॉ. रामकुमार शर्मा का कहना है कि औषधिय पौधों को महत्व दिए जाने की दिशा में शासन की मंशा के अनुरूप निकट भविष्य में उल्लेखनीय कदम उठाया जाएगा। प्रत्येक पंचायतों में ऐसे पौधों को लगवाने की दिशा में पहल की जाएगी, जिससे लोगों को बीमारियों के इलाज में फायदा मिल सके। (हि.स.)
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