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कैप्टन नहीं बनाएंगे अलग पार्टी, कांग्रेस में सिद्धू को सही भूमिका देकर असंतोष संभालने की कोशिश

नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की कोई संभावना नहीं है। वे मंगलवार को पार्टी की तीन सदस्यीय कमेटी के सामने पेश होकर नवजोत सिंह सिद्धू से चल रहे विवाद पर अपनी बात रखेंगे। इस बातचीत के दौरान पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी और सरकार में उचित भूमिका देने पर अमरिंदर सिंह को सहमत कर दोनों के बीच संतुलन साधने की कोशिश करेंगे। लेकिन यह विवाद किसी भी कीमत पर पार्टी से अलग होने की राह पर नहीं जाएगा। इसके बाद वे पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह गुट के एक मंत्री और पंजाब कांग्रेस में एक वरिष्ठ नेता ने अमर उजाला से कहा कि दोनों वरिष्ठ नेताओं में अपनी-अपनी भूमिका को लेकर कुछ मतभेद अवश्य हैं। इस पर पार्टी आलाकमान से अपनी बात रखने के लिए ही कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए यह मुद्दा जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा, जिससे सभी नेता चुनाव में अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सकें।

क्या कैप्टन पकड़ेंगे अलग राह?
इस तरह की चर्चा हो रही है कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से ज्यादा दबाव डाला गया तो कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाकर चुनाव में जा सकते हैं? अमर उजाला के इस सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह केवल कोरी अफवाह है और इसमें दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। कैप्टन साहब न केवल कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं, बल्कि वे गांधी परिवार के बेहद करीबे और विश्वासपात्र रहे हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि वे कांग्रेस से अलग होकर कोई अलग रास्ता अपनाएंगे। नेता ने कहा कि वे पार्टी के अंदर ही रहकर अपनी बात मजबूती से उठाएंगे।


पंजाब अध्यक्ष ने भी किया इंकार
पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने अमर उजाला से कहा कि यह कोरी बकवास बात है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के बेहद वफादार और कर्मठ नेता रहे हैं। पार्टी की नीतियों को बनाने से लेकर महत्वपूर्ण योजनाओं पर उनकी राय कांग्रेस के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण रही है। हाल ही के वर्षों में उन्होंने पंजाब में कांग्रेस को जिस मजबूती से गहराई तक पहुंचाया है, उनके योगदान को कमतर करके नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता आपस में बैठकर सिद्धू की उम्मीदों के मुताबिक एक समाधान खोजने में सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव में एकजुट होकर उतरेगी और जीत हासिल करेगी।

क्या है संभावना?
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने यह कहते हुए बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि वे केवल चुनावी शो पीस नहीं हैं। उन्हें केवल चुनावी जीत के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वे अपने लिए पार्टी में अहम भूमिका की तलाश कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि वे पंजाब सरकार में उपमुख्यमंत्री पद से कम पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं, जबकि अमरिंदर सिंह उन्हें कैबिनेट में महत्वपूर्ण विभाग देने के लिए तैयार हैं, लेकिन कथित तौर पर उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं।

तीन सदस्यीय कमेटी निकालेगी रास्ता
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड्गे, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल की तीन सदस्यीय कमेटी के सामने पेश होकर कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी बात रखेंगे। इस बातचीत के दौरान उनसे सिद्धू के लिए सरकार में उचित भागीदारी देने की संभावनाओं पर विचार किया जा सकता है।
चूंकि, कैप्टन इसके बाद सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे, माना जा रहा है कि मामले का पटाक्षेप वहीं से होगा। इस बीच पंजाब सरकार के लगभग एक दर्जन मंत्री राहुल गांधी से भी मुलाकात करेंगे। लगभग एक दर्जन अन्य विधायक भी दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, वे भी राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। नेताओं को उम्मीद है कि इस मामले का हल निकाल लिया जायेगा।

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