भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सीट बदलते ही बदले चेहरे, अब पत्नियों को चुनाव लड़ाने की तैयारी

  • राजधानी में नगर निगम चुनाव की होने लगी जमावट

भोपाल। नगर निगम के सभी 85 वार्डों में नए सिरे से किए गए आरक्षण के बाद कई वार्डों में प्रत्याशियों के चेहरे बदल गए हैं। इनमें विशेष बात यह है कि जो सीटें महिला के लिए आरक्षित हुई हैं, उनमें अभी तक प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी ठोक रहे नेताओं ने अपनी पत्नियों के नाम आगे कर दिए हैं। इनमें कई नाम ऐसे हैं, जिन्होंने बाकायदा चुनाव प्रचार सामग्री भी बनवा ली थी और इंटरनेट मीडिया पर प्रचार भी शुरू कर दिया था। अब वे पत्नी के नाम के पीछे अपना नाम जोड़कर दावेदारी में लगे हैं। वर्तमान में नगर निगम के अंतर्गत 23 वार्ड अनारक्षित महिला, 12 वार्ड ओबीसी महिला, 6 वार्ड एससी महिला और 1 वार्ड एसटी महिला के नाम पर आरक्षित हैं।



नगरीय निकाय चुनाव के अंतर्गत 25 मई को नए सिरे से वार्डों का आरक्षण किया गया था। इसमें वार्ड 02, 03, 07, 27, 61, 43, 74, 51, 23, 32, 80, 38, 20, 17, 82, 79, 71, 84, 52, 14, 65, 45 और 64 को सामान्य महिला, वार्ड 08, 37, 68, 75, 85, 21, 35, 31, 67, 06, 09 और 55 को ओबीसी महिला, वार्ड 10, 11, 47, 50, 59 और 81 को एससी महिला और वार्ड 26 को एसटी महिला के लिए आरक्षित किया गया है। पहले संभावना जताई जा रही थी कि वर्ष 2020 में हुए विधानसभा उपचुनाव के ठीक बाद नगरीय निकाय चुनाव होंगे और इसके लिए वार्डों का आरक्षण भी कर दिया गया था। इस कारण इन वार्डों में पुरुष प्रत्याशी पार्षद पद की दावेदारी के लिए लगे हुए थे। प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने के साथ ही कैलेंडर, पर्चे जैसी प्रचार सामग्री भी छपवाकर बंटवा दी थी। समय बीतने के साथ ही चुनाव टलते चले गए और बाद में दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया होने से इन दावेदारों के इरादों पर पानी फिर गया। ऐसे में उन्होंने अपनी-अपनी पत्नियों के नाम से दावेदारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में संभावना है कि आगे भी निगम परिषद की बैठकों में पार्षद पतियों के उपस्थित रहने की परंपरा कायम ही रहेगी।

Share:

Next Post

सूरमा के बतोले

Wed Jun 1 , 2022
आज खां अपने हरदिल अजीज, दुनिया ओ जहान में सबसे हसीन भोपाल की सालगिरा हे। आप सबी हजरात को इस मुबारक मौके की दिली मुबारकबाद। अपनी मौजूदा हुस्कुमत ने 1 जून को भोपाल गौरव दिवस मनाने का सरकारी एलान किया हे। इसके पीछे की कहानी ये हे साब के भोपाल के आखरी नवाब हमीदुल्ला खां […]