-केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मांगा सहयोग
नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (President Ram Nath Kovind and Prime Minister Narendra Modi in New Delhi) समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों से शिष्टाचार भेंटकर राज्य के विकास पर चर्चा की। बतौर मुख्यमंत्री धामी का यह पहला दिल्ली दौरा है। धामी शुक्रवार रात दिल्ली पहुंचे। उन्होंने रात को ही महाराष्ट्र सदन में ठहरे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर आशीर्वाद लिया।
राष्ट्रपति सचिवालय के मुताबिक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से शिष्टाचार भेंट की। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री आवास (सात लोक कल्याण मार्ग) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री से उन्होंने राज्य में चल रही विकास योजनाओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने उन्हें राज्य में विकास योजनाओं को समय पर पूरा करने के साथ ही केंद्रीय योजनाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री धामी ने राज्य के विकास में केंद्र के सहयोग पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड तेज गति से विकास पथ पर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री बनने पर पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि युवा नेतृत्व में राज्य का तेजी से चहुंमुखी विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य के ज्वलंत मुद्दों के बारे में बताया। उन्होंने कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए सरकार की तैयारियों की जानकारी दी। चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा पर भी चर्चा की।प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री की वार्ता निर्धारित 15 मिनट से अधिक 1 घंटा 15 मिनट तक चली। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम में द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों के वर्चुअल शिलान्यास के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के सहयोग से राज्य में हेल्थ सेक्टर में सुधार हुआ है। ऋषिकेश में एम्स केंद्र की महत्वपूर्ण देन है। कोविड महामारी से लड़ाई में इसकी बड़ी भूमिका रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कुमाऊं मंडल में भी एम्स की स्थापना करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय महत्व की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की स्वीकृति प्रदान करवाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना से यमुना नदी में जल उपलब्धता बढ़ेगी। इससे छह राज्य उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में स्थान बना रहा है।निर्धारित समय से एक घंटा अधिक समय दिए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उत्तराखंड की जनता के प्रति प्रधानमंत्री के लगाव एवं चिंतन का परिचायक है।
केंद्रीय गृहमंत्री से इनर लाइन प्रतिबंध हटाने की मांग: दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने नीति घाटी और नेलोंग घाटी को इनर लाइन प्रतिबंध से हटाने का आग्रह करते हुए दो एयर एंबुलेंस उपलब्ध कराने की अपील की। साथ ही ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की स्थापना के लिए आग्रह किया। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों, चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा पर भी विचार -विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से नेपाल और चीन की सीमा लगी है। सीमा स्थित गांव दुर्गम भौगोलिक परिस्थिति और आर्थिक अवसरों की कमी के कारण वीरान हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में इनर लाइन प्रतिबंध हटाने से पर्यटन के अपार अवसर खुलेंगे। क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने से पलायन रुकेगा। मुख्यमंत्री ने चमोली जिले के नीति घाटी और उत्तरकाशी के नेलोंग घाटी (जाडूंग गांव) को इनर लाइन प्रतिबंध से हटाए जाने के प्रस्ताव पर विचार करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत केंदांश की द्वितीय किस्त अवमुक्त करने का अनुरोध किया। साथ ही राज्य के विश्व प्रसिद्ध मेलों और पर्वों पर तैनात होने वाले केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती, व्यवस्थापन पर होने वाले व्यय को पूर्वोत्तर राज्यों, विशेष श्रेणी के केंद्रांश, राज्यांश 90:10 के अनुपात में भुगतान की व्यवस्था निर्धारित करने की मांग की। इसके अलावा राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों के दृष्टिगत समय-समय पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की लंबित देय धनराशि 47.29 करोड़ रुपये को अद्यतन विलम्ब शुल्क सहित छूट प्रदान करने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की अत्यधिक संवेदनशीलता के दृष्टिगत विभिन्न महत्वपूर्ण बिन्दु राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को संदर्भित किए हैं। आपदा प्रभावित गांवों का विस्थापन एसडीआरएफ निधि के अंतर्गत अनुमन्य किए जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री शाह से आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित किए जाने के लिए स्थायी व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया। इस मौके पर राज्य के मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू,अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन और सचिव शैलेश बगोली भी उपस्थित रहे।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 150 करोड़ की मांग: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृहमंत्री शाह के अलावा केंद्रीय शहरी कार्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी मुलाकात की। इस दौरान स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन परियोजनाओं के लिए उत्तराखंड के बजट आवंटन को 150 करोड़ रुपये बढ़ाने का अनुरोध किया। साथ ही राज्य के सात नगर निकायों के आठ लीगेसी वेस्ट, पुराने डंप साइट के प्रसंस्करण और निस्तारण योजनाओं के लिए अवशेष केंद्रांश की धनराशि अवमुक्त करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने डंप साइट के प्रसंस्करण एवं निस्तारण की डीपीआर कुल योजना लागत 126.53 करोड़ रुपये, एसएचपीसी (स्टेट हाई पॉवर कमेटी) से अनुमोदित कराकर स्वीकृति के लिए केंद्र को प्रेषित की गई है। डीपीआर के लिए 48.78 लाख रुपये केंद्र ने अवमुक्त किए हैं। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन-2 के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं के लिए केंद्र ने 89 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया है। जरूरत इससे ज्यादा बजट की है। इसलिए इसे 150 करोड़ रुपये किया जाए। प्रसंस्करण एवं निस्तारण के लिए 126 करोड़ और अन्य निकायों की ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन योजनाओं के लिए लगभग 24 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।
हरिद्वार में हेलीपोर्ट का आग्रह: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय से भी भेंट की।मुख्यमंत्री ने उनसे क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत हरिद्वार से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हवाई सेवाएं प्रदान करने के लिए हेलीपोर्ट की जरूरत जताई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड की भूमि राज्य सरकार को निःशुल्क उपलब्ध कराने का आग्रह किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से हिमालयी एवं पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सीएसआईएसएसी (कंपोनेंट-1) में अनुमन्य अनुदान को 20 प्रतिशत के स्थान पर 40 प्रतिशत करवाने का अनुरोध किया। (एजेंसी, हि.स.)
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