नई दिल्ली. पाकिस्तान (Pakistan) समर्थित आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ भारत (India) के रुख को वैश्विक मंचों (Global forums) पर रखने के लिए केंद्र सरकार (Central government) द्वारा बनाई गई सात प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस (Congress ) के चार सुझाए गए नामों में से केवल एक को जगह दिए जाने पर कांग्रेस ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने इसे मोदी सरकार की “पूर्णतः असंवेदनशीलता” और “गंभीर राष्ट्रीय मुद्दों पर सस्ती राजनीतिक चालें” बताया.
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि जिन चार अन्य कांग्रेस नेताओं- शशि थरूर, मनीष तिवारी, अमर सिंह और सलमान खुर्शीद को प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किया गया है, उन्हें पार्टी की मंजूरी के बिना मनमाने तरीके से नामित किया गया.
जयराम रमेश का आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह दिखाता है कि मोदी सरकार कितनी असंवेदनशील है और कैसे वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भी सस्ती राजनीति करती है.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन नेताओं की विदेश दौरे में भागीदारी का समर्थन करती है, लेकिन यह भी साफ करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जिस तरह से संसदीय परंपराओं को नजरअंदाज कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और 22 फरवरी, 1994 को अपनाए गए संकल्प को दोहराने तथा इसके बाद के घटनाक्रमों पर ध्यान देने के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग से ध्यान नहीं भटकाना चाहिए. थरूर को एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई, जो सरकार पर “शरारती” मानसिकता के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया.
51 नेता जाएंगे विदेश
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद, ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व मंत्री शामिल हैं. इस कूटनीतिक अभियान में कुल 51 नेताओं को सात दलों में बांटा गया है, जिसमें 31 सत्तारूढ़ एनडीए और 20 गैर-एनडीए से हैं. यह दल अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, खाड़ी और लैटिन अमेरिकी देशों का दौरा करेंगे.
बैजयंत पांडा, रवि शंकर प्रसाद (दोनों बीजेपी), संजय कुमार झा (जेडीयू), श्रीकांत शिंदे (शिव सेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में सात प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में ईयू मुख्यालय का दौरा करेंगे.
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