भोपाल। विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई हैं। बूथस्तर से लेकर मतदाताओं सूचियों की दुरुस्थ करने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। प्रदेश में सत्ता बनाने का सपना देख रहे कांग्रेस के दिग्गज दो माह से अंचल का रास्ता ही भूल गये हैं। कांग्रेस में सबकुछ भगवान भरोसे चल रहा है। इससे तो यही संकेत मिलते हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को अपने ही बूते पर चुनाव लडऩा पड़ा। प्रदेश में राष्ट्रीय नेतृत्व से कोई मदद की उम्मीद नहीं हैं। जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में अंचल से मिले जनसर्मथन से ही प्रदेश में कमल नाथ सरकार बनी थी। एट्रोसिटी एक्ट के बाद मजबूत हुए अपने गढ़ की उपेक्षा कांग्रेस को भारी पड़ सकती है। हालांकि वरिष्ठ कांग्रेसियों का कहना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शीर्ष नेतृत्व व्यस्त होने के कारण अंचल में किसी बड़ा नेता का आगमन नहीं हो पाया है। नव वर्ष पर कांग्रेस का पूरा फोक्स चंबल-अंचल पर होगा।
दो माह पहले दिग्विजय सिंह आये थे
भारत जोड़ो यात्रा के संदर्भ में दो माह पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आये थे। इससे पहले नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ आये थे। इसके अलावा जिले के प्रभारी महेंद्र सिंह चौहान का अवश्य जिले में चक्कर लगता रहता है। इसके अलावा कोई बड़ा नेता के अंचल के प्रवास पर नहीं आने के कारण कांग्रेस कार्यकर्ता निराशा हैं। कांग्रेस खेमे में चुनाव की दृष्टि से महौल ठंडा पड़ा है। जबकि मतदाताओं सूचियों में संशोधन कराने का शुरु हैं, और लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है।
टिकट के दावेदार अवश्य सक्रिय हुये
ग्वालियर पूर्व व ग्वालियर विधानसभा व ग्रामीण विधानसभा में अवश्य टिकिट के दावेदारी कर रहे सक्रिय हैं। पूर्व से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने अवश्य अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी, सह प्रभारी वार्ड तक घोषण शहर जिला कांग्रेस के सहमति से करा ली है। इसके अलावा अन्य चारों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं।
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