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MP के चंबल में नहर फूटने से एक दर्जन किसानों की फसल डूबी

मुरैना। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना (Morena) में बंधा गांव के पास माइनर नहर फूट गई, जिससे किसान सुनील डंडोतिया, संजीव सिंह, गिर्राज डंडोतिया की करीब 15 बीघा, रामसहाय गुर्जर, कंपोटर गुर्जर, दीवान सिंह, भवूती सिंह की छह से सात बीघा सहित करीब 30 बीघा गेहूं की फसल में पानी भर गया है। किसानों ने बड़ी मशक्कत के बाद तो गेहूं की बोनी की थी, अब सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते उगने के बाद गेहूं की फसल बर्बाद हो गई। दोबारा गेहूं बोने में एक महीने इंतजार करना होगा, तब तक काफी लेट हो चुके होंगे। पीड़ित किसानों ने बताया कि लगातार एसडीओ गजेन्द्र सिंह कंशाना, सब इंजीनियर एसके टुंडेलकर और इस क्षेत्र की नायब तहसीलदार को किसान लगातार फोन कर रहे हैं।

सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के अधिकारियों की लापरवाही का परिणाम किसानों को भुगतना पड़ रहा है। अंबाह ब्रांच कैनाल से निकली पांच आर माइनर के फूट जाने से बंधा गांव के एक दर्जन किसानों के करीब 30 बीघा गेहूं की फसल डूब गई। वहीं बंधा, जारह, हेतमपुर, जनकपुर, तोरखेड़ा, पचोखरा से अधिक गांवों की गेहूं की करीब 500 बीघा की फसल प्रभावित हो जाएगी। क्योंकि माइनर फूटने से समय पर पानी नहीं मिल पाएगा। किसानों का कहना है कि अगर पानी छोड़ने से पहले माइनर की सफाई हो जाती तो यह फूटती नहीं।


किसान सुनील डंडोतिया ने बताया कि बंधा के पास माइनर नहर फूट गई है। लगातार अधिकारियों को फोन लगा रहे हैं, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया। एक ने फोन उठाया, लेकिन इसके बाद भी मौके पर कोई अधिकारी नहीं आया है। रामसहाय किसान का कहना है कि माइनर फूटने से क्षेत्र की करीब 30 बीघा गेहूं की फसल तालाब बन गई है। फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। अब दोबारा खेत में जोत आएगी, तब तक काफी देर हो चुकी होगी। समय पर माइनर की सफाई हो जाती तो किसानों को नुकसान नहीं होता।

सिंचाई विभाग के अधिकारी अनुबंधित वाहनों से ग्वालियर व आगरा से अपडाउन करते हैं। जबकि शासन के ऐसे निर्देश हैं कि जब नहर में पानी चलता है, उस समय अधिकारी रात दिन नहर पर पेट्रोलिंग करेंगे। वहीं, इन दिनों आचार संहिता लगी, जिला निर्वाचन अधिकारी ने भी ऐसे निर्देश दिए थे कि जब तक आचार संहिता लगी है, अधिकारी कर्मचारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। परंतु सिंचाई विभाग के अधिकारी अनुबंधित वाहन जो कि नहर पर पेट्रोलिंग के लिए हैं, उनसे ग्वालियर अपडाउन कर रहे हैं और बुक नहर पेट्रोलिंग के नाम पर भरी जा रही है।

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