इंदौरियों ने एक बार फिर दिखाई मानवता… परिवार को पहुंचाया बंगाल
इन्दौर। शहर के लोगों ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। इंदौर में चार दिन पहले ही मजदूरी करने आए एक बंगाली परिवार ने यहां ठीक से काम शुरू भी नहीं किया था कि उन्हें मालूम पड़ा कि उनकी बेटी का बंगाल के गांव में निधन हो गया है। परिवार के पास वापस जाने का किराया नहीं था और अंतिम संस्कार में भी जाना था। इस पर लोगों ने उनके किराये और खान-पान की व्यवस्था कर उन्हें रवाना किया।
चार दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के एक गांव से इंदौर में मजदूरी करने आए मां-बेटे के साथ यह घटना घटी। महिला का नाम तापसी वेरा और बेटे का नाम गोपाल वेरा है। दोनों उल्वेरिया गांव के निवासी हैं, जो कोलकाता जिले में आता है। चार दिन पहले ही ये लोग इंदौर आए थे। मां अपने 10 साल के बेटे को लेकर इंदौर आई थी और यहां ये लोग काम ढूंढ ही रहे थे कि उन्हें अपने किसी परिचित के माध्यम से जानकारी मिली कि उनकी 15 साल की बेटी पूजा की मृत्यु हो गई है। परिवार के पास वापस लौटने के लिए किराया तक नहीं था। दूसरे मजदूरों ने थोड़ी-बहुत व्यवस्था की, लेकिन पूरा किराया नहीं हो पाया तो श्रीदेवी अधिकारी, मीना दी, सुभद्रा मण्डल, शांति बाई और करनपाल ने संविद नगर रहवासी व भाजपा नेता राजा कोठारी से सम्पर्क किया। कोठारी मजदूर परिवार के पास पहुंचे और उनसे ट्रेन के बारे में जानकारी ली तो मालूम पड़ा कि कल ही ट्रेन जाने वाली है। इस पर उनके टिकट करवाए गए और रास्ते के लिए खाने-पीने का सामान भी दिया गया। इसके बाद उन्होंने भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के निजी सहायक मनीाष श्रीवास्तव को घटना बताई और बंगाल में उक्त परिवार की मदद करने के लिए कहा। श्रीवास्तव ने बंगाल में भाजपा नेताओं से संपर्क कर उक्त परिवार की मदद करवाई। कल रात दोनों मां-बेटे बंगाल के लिए रवाना हुए तो उनकी आंखों में आंसू थे। यही नहीं दोनों को स्टेशन तक भी छोड़ा गया।
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