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दिल्ली में घना कोहरा, उड़ान और रेल परिचालन प्रभावित, 20 रद्द, 400 से ज्यादा उड़ानों में देरी

नई दिल्‍ली (New Dehli)। दिल्ली में मौसम (Season)की मार से धरती से आसमान (the sky)तक हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली में जारी घने कोहरे (dense fog)और लो विजिबिलिटी के कारण रेल से लेकर हवाई यातायात (air traffic)बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दिल्ली एयपोर्ट पर रविवार सुबह कुल 10 उड़ानों को डायवर्ट कर दिया, वहीं 20 उड़ानें रद्द कर दी गईं और 400 से अधिक उड़ानों में देरी हुई। एयरपोर्ट और रेलवे अधिकारियों ने कहा कि रविवार को लगभग 11 घंटे तक घने कोहरे के कारण राजधानी में उड़ान और रेल परिचालन प्रभावित हुआ, जिससे हजारों यात्रियों को घंटों इंतजार करना पड़ा।

अधिकारियों ने बताया कि रात 12.30 बजे दृश्यता 200 मीटर से नीचे चली गई और सुबह 3 बजे से 10.30 बजे के बीच लगभग साढ़े सात घंटे तक दृश्यता शून्य रही – जिसके कारण हवाई अड्डे पर लगभग 400 उड़ानें विलंबित हुईं, 10 का मार्ग बदला गया और कम से कम 20 उड़ानें रद्द कर दी गईं।

दिल्ली में ठंड और कोहरे का डबल अटैक, अगले 2 दिनों के लिए येलो अलर्ट
हिन्दुस्तान टाइम्स डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, देरी का असर शाम तक जारी रहा, हालांकि दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक अच्छी धूप खिलने से पांच घंटे तक विजिबिलिटी में सुधार देखा गया। मौस विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि सोमवार को भी घना से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, साथ ही ऑरेंज अलर्ट भी जारी है।

एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने कहा, ”यह साल का सबसे घना कोहरा था, जिससे उड़ानों का परिचालन प्रभावित हुआ और जयपुर एयरपोर्ट के 10 रूट लो विजिबिलिटी के कारण प्रभावित हुए। हवाई अड्डे पर कुल 10 उड़ानें डायवर्ट की गईं। यह सुबह 4.30 बजे से दोपहर के बीच अलग-अलग समय पर हुआ।”

हालांकि देरी वाली उड़ानों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट की वेबसाइट से पता चलता है कि पूरे दिन लगभग 200 उड़ानें विलंबित हुईं। वेबसाइट पर कम से कम 10 उड़ानों के रद्द होने की जानकारी मिली। जब विजिबिलिटी 800 मीटर से कम हो जाती है तो एयरपोर्ट कम दृश्यता प्रक्रियाएं (एलवीपी) शुरू करता है – जिसका उद्देश्य उड़ानों के लिए लैंडिंग को आसान बनाना है।

इस अवधि के दौरान, CAT-I प्रक्रियाएं लागू होती हैं, जो लैंडिंग में पायलटों का मार्गदर्शन करने के लिए सावधानियों का सबसे बुनियादी सेट है। केवल CAT-II अनुपालन वाली उड़ानों और पायलटों को दृश्यता 550 मीटर से कम होने पर उतरने की अनुमति है। वहीं, CAT-IIIA पायलट तब लैंडिंग कर सकते हैं, जब विजिबिलीटी 175 से 300 मीटर के बीच हो। CAT-III B सबसे कठोर योग्यता है, जो विजिबिलिटी 50 मीटर होने पर भी उन्हें उतरने की अनुमति देती है। जबकि विजिबिलिटी 50 मीटर होने पर भी उड़ानें हवाई अड्डे पर उतर सकती हैं, किसी भी उड़ान को तब तक टेकऑफ करने की अनुमति नहीं है जब तक कि रनवे विजिबिलिटी सीमा (आरवीआर) 125 मीटर न हो, जिससे उड़ान में देरी होती है।

एक रनवे पर चल रहे काम के कारण उड़ान संचालन में भी बाधा आई। हवाईअड्डे पर चार में से तीन रनवे अगस्त 2023 से चालू हैं, और पिछले चार महीनों से रनवे 28/10 पर मरम्मत चल रही है। तीन में से दो रनवे CAT 3 में लैंडिंग और टेकऑफ की अनुमति देने में सक्षम हैं। कुछ मामलों में जब किसी एयरलाइन का पायलट CAT 3 का अनुपालन नहीं करता है, तो उड़ानें भी डायवर्ट कर दी जाती हैं।

इस बीच, उत्तर रेलवे ने बताया कि राजधानी से आने वाली या राजधानी की ओर जाने वाली 22 ट्रेनें कम से कम एक घंटे की देरी से चलीं। इसमें पुरी-नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस और कानपुर-नई दिल्ली श्रमशक्ति एक्सप्रेस शामिल हैं।

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