नई दिल्ली। वर्तमान समय में मकर राशि में शनि गोचर कर रहे हैं। अब शनि की स्वराशि मकर में देवगुरु बृहस्पति भी प्रवेश करेंगे। शनि और गुरु दोनों वक्री अवस्था में हैं। मकर राशि में शनि के साथ गुरु नीच राजयोग भंग बना रहे हैं। गुरु राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर प्रभाव देखने को मिलेगा। दोनों वक्री ग्रहों की इस अवस्था का लाभ कुछ राशियों को मिलेगा।
गुरु 14 सितंबर, मंगलवार को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि में शनि और गुरु की युति से वृषभ, कर्क, तुला और मकर राशि वालों को लाभ मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान राशियों के लंबे समय से अटके काम पूरे हो सकते हैं। करियर में भी लाभ मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके प्रदर्शन से बॉस प्रभावित होंगे। इस दौरान गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें। पैसों से जुडे़ मामलों में सावधानी बरतें।
इन राशियों के लिए कष्टकारी-
शनि और गुरु की युति मेष, मिथुन, सिंह और वृश्चिक राशि के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है। इस दौरान आपको वाद-विवाद से बचना होगा। आर्थिक नुकसान होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। गोचर काल में किसी भी तरह की लापरवाही से बचें। वाहन चलाने में सावधानी बरतें। कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
कन्या, धनु, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि और गुरु की युति का प्रभाव सामान्य रहेगा। इस दौरान आपको नौकरी और व्यापार में शुभ समाचार मिल सकता है। सेहत को लेकर सावधान रहें। किसी मित्र से विवाद के योग बनेंगे। वाणी पर कंट्रोल रखें।
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