मध्‍यप्रदेश राजनीति

मध्यप्रदेश में विधायकों के इस्तीफे की झड़ी से कांग्रेस में बेचैनी बढ़ी

  • बिना नाम लिए पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्गी की कार्यप्रणाली पर साधा निशाना
  • ट्वीट कर कहा यह वक्त खुद के नेता बनने का नहीं

भोपाल। अपने अंदरूनी कलह और गुटबाजी के कारण मध्य प्रदेश से 15 माह के अंदर ही सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस में एक बार फिर से असंतोष और गुटबाजी तेज गति के साथ बढ़ती जा रही है। मध्यप्रदेश में खाली हुई विधानसभा की 26 सीटों पर अब आने वाले समय में जल्द ही विधानसभा उपचुनाव हो सकते हैं । इसके लिए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेश यानी दोनों ही दलों ने विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में अपनी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन इस बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों मैं भगदड़ मचने के कारण प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं में बेचैनी और असंतोष भी बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी के बाद अब कल नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कासडेकर द्वारा भी कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफा देकर तत्काल ही भाजपा का दामन थाम लेने के कारण कांग्रेस की अंतर कलह एक बार फिर से सड़क पर आ गई है। इसको लेकर अब कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने इशारों इशारों में ट्वीट करते हुए बिना किसी का नाम लिए राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की कार्यप्रणाली पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए जबरदस्त निशाना साधा है । पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करते हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को भी कई नसीहत एक साथ दे डाली हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने ट्वीट करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को यह भी नसीहत दी है कि यह वक्त संकट का वक्त है। यह वक्त खुद को नेता बनाने का नहीं है, बल्कि पार्टी और संगठन को मजबूत करने का समय है । उन्होंने यह भी कहा कि इन दिनों कांग्रेस पार्टी में अंदर खाने असंतोष और गुटबाजी चरम पर पहुंच गई है, जिस पर समय रहते उन्हें संभालने और असंतोष नेताओं को समझा-बुझाकर एकजुट रखने की जरूरत है। गौरतलब है कि बुंदेलखंड क्षेत्र के कांग्रेस विधायक प्रद्युमन सिंह लोधी के बाद एक और नेपानगर से पार्टी की विधायक सुमित्रा देवी द्वारा विधायक पद से इस्तीफा देने और पार्टी को छोड़ने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हताशा बढ़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुटी कमलनाथ कांग्रेश के लिए विधायकों द्वारा दिए जा रहे एक के बाद एक इस्तीफा से जहां तगड़ा झटका लगा है, वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी भाजपा को विधानसभा उपचुनाव से पहले ही सियासी टानिक मिल गया है। सनद रहे कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी द्वारा विधायक पद से इस्तीफा दिए जाने के कारण अब मध्यप्रदेश में विधानसभा की 26 सीटें खाली हो गई है, जिन पर अब एक साथ विधानसभा के उपचुनाव होंगे।

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