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डीयू के कॉलेजों में नवम्बर से शुरू होगी स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया

नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध कॉलेजों में नवम्बर से स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। डीयू से संबद्ध कॉलेजों व विभागों में तदर्थ सहायक प्रोफेसर के खाली पड़े पांच हजार शिक्षकों के पदों की नियुक्ति के लिए विभिन्न विषयों की स्क्रीनिंग को अपडेट कर, सार्वजनिक कर दिया गया है।

इस क्रम में एंथ्रोपोलॉजी विभाग में स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उमीदवारों की शॉर्ट लिस्टिंग कर 8 अक्टूबर को इंटरव्यू की तिथि घोषित कर दी गई है। हिन्दी, वाणिज्य, अंग्रेजी ,राजनीति विज्ञान ,इतिहास, लॉ, रसायन विज्ञान, भौतिकी आदि इन सभी विषयों के इंटरव्यू अगले महीने नवम्बर में होने की पूरी संभावना है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए ) के प्रभारी प्रो. हंसराज सुमन ने बताया कि पिछले एक साल से कॉलेज व विभागों में परमानेंट अपॉइंटमेंट्स की प्रक्रिया ना होने के कारण निकाले गए विज्ञापनों की समय सीमा समाप्त हो रही थी। उसी के मद्देनजर दिल्ली विश्वविद्यालय के एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट में अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग करने के बाद 8 अक्टूबर को वाइस चांसलर कमेटी रूम, वाइस रीगल लॉज में इंटरव्यू रखे गए हैं।

प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि डीयू के कॉलेजों व विभागों में लंबे समय के बाद परमानेंट अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया शुरू हो रही है डीटीए इसका स्वागत करता है। नियुक्ति प्रक्रिया न्याय पूर्वक चले किसी भी वर्ग का हक ना मारा जाए, संविधान के अनुसार जो आरक्षण उन्हें दिया गया है उसका पालन किया जाना चाहिए। रोस्टर को सही से लागू करते हुए नियुक्ति हो।

पांच हजार पदों के लिए आए लाखो आवेदन
प्रो. सुमन ने बताया है कि कॉलेजों में लगभग पांच हजार पदों के लिए लाखों आवेदन आए हैं। उनका कहना है कि डीयू के विभागों में लगभग 800 असिस्टेंट प्रोफेसर ,एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर की नियुक्ति की जानी है। सबसे ज्यादा नियुक्ति कॉलेजों में की जानी है जहां 60 से 70 प्रतिशत एडहॉक टीचर्स पिछले एक दशक से कार्य कर रहे हैं। कॉलेज व विभागों की नियुक्ति साथ-साथ चलेगी। लेकिन जहां प्रिंसिपल व गवर्निंग बॉडी है उनमें किसी तरह की दिक्कतें नहीं है, नियुक्ति की जा सकती है।

दिल्ली सरकार के कॉलेजों में बन चुकी है गवर्निंग बॉडी
प्रोफेसर सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 28 कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी छह कॉलेजों को छोड़कर लगभग सभी कॉलेजों में बन चुकी है। इन कॉलेजों में भी दो हजार से अधिक सहायक प्रोफेसरों के पदों को भरा जाना है। इन कॉलेजों में परमानेंट प्रिंसिपल की नियुक्तियां नहीं हुई है। यहां पर लगभग दो दर्जन कॉलेजों में प्रिंसिपल भी कार्यवाहक रूप में कार्य कर रहे हैं। कुछ कॉलेजों में तो प्रिंसिपल पांच साल का टर्म पूरा कर चुके हैं और कुछ में करने वाले हैं। उन्होंने बताया है कि पिछले दिनों दिल्ली सरकार के कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपलों को ट्रंकेटिड गवर्निंग बॉडी ने पांच साल का कार्यकाल और दे दिया है ,कुछ कॉलेजों ने प्रिंसिपल पदों के विज्ञापन जारी किए हैं।

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