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भारत में Earthquake का खतरा तेज हुआ, उत्तर भारत में 13 दिन में 27 बार आए झटके


नई दिल्ली । राजधानी समेत उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों में शुक्रवार रात भूकंप (Earthquake) के तगड़े झटके महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सीस्‍मोलॉजी (NCS) ने कहा कि भूकंप का केंद्र मध्‍य एशिया (Central Asia) का तजाकिस्‍तान (Tajikistan) रहा। रिक्‍टर (Richter scale) पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.3 बताई गई। इस भूकंप के झटके NCR के अलावा पंजाब, उत्तराखंड, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्‍मू व कश्‍मीर तक महसूस किए गए। शुरू में भूकंप का केंद्र अमृतसर बताया गया था लेकिन बाद में तजाकिस्‍तान में केंद्र होने की पुष्टि हुई। किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। बड़ी बात ये कि 13 दिन के भीतर उत्तर भारत में भूकंप की यह 27वीं घटना थी।



NCS के जेएल गौतम ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट्स में भूकंप का केंद्र (Center) अमृतसर आया था। उन्‍होंने कहा, शुरुआत में सतह के 10 किलोमीटर (10 KM) नीचे रिक्‍टर स्‍केल पर 6.1 तीव्रता के भूकंप की जानकारी मिली थी। पहले केंद्र अमृतसर में पता लगा था, मगर कुछ समय बाद उसे बदलकर तजाकिस्‍ताान पाया गया। भूकंप की तीव्रता भी 6.3 कर दी गई। NCS के अनुसार, शुक्रवार रात का भूकंप 38 डिग्री उत्‍तरी और 73.58 डिग्री पूर्वी (38 degrees north and 73.58 degrees east) अक्षांश के बीच आया। यह भूकंप सतह के 74 किलोमीटर नीचे आया था। भूकंप का समय रात 10.31 बजे बताया गया और इसके झटके अफगानिस्‍तान, पाकिस्‍तान और उत्‍तर भारत (Afghanistan, Pakistan and North India) में महसूस किए गए।

उत्तर भारत ने फरवरी महीने के भीतर कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। NCS की वेबसाइट (Website) पर मौजूद डेटा के अनुसार, अबतक इस महीने 4.0 या उससे ऊपर तीव्रता के 27 भूकंप आ चुके हैं। इनमें से कुछ का केंद्र भारत के भीतर रहा तो कुछ का अफगानिस्‍तान, नेपाल या किर्गिस्‍तान में। हालांकि एक को छोड़कर बाकी सभी भूकंप बेहद हल्‍के थे। 5 या उससे ज्‍यादा तीव्रता का भूकंप केवल एक ही बार आया जो शुक्रवार को आया।

ब्‍यूरो ऑफ इंडियन स्‍टैंडर्ड्स (BIS) ने पूरे देश को चार सीस्मिक ग्रुप्‍स में बांटा है। आइए आपको बताते हैं कि ये जोन कौन-कौन से हैं और देश का कौन सा हिस्‍सा इसमें आता है। पहला जोन II है, जहा 6 (या उससे कम) तीव्रता वाले भूकंप आने की संभावना रहती है। वहीं जोन III में 7 तीव्रता तक, जोन IV में 8 तीव्रता तक और सबसे गंभीर जोन V में 9 तीव्रता (या उससे ज्‍यादा) के झटके आने की संभावना रहती है। दिल्‍ली जोन IV (गंभीर) में आती है यानी यहां पर तगड़े भूकंप आने का खतरा ज्‍यादा है। पिछले साल कई झटकों के बाद, दिल्‍ली में पुरानी इमारतों की पहचान का काम शुरू किया गया था।

भूकंप का असर कितना था, इसके बारे में खुद जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नैशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला (Former CM and National Conference Leader Omar Abdullah) ने अपने ट्वीट (Tweet) में लिखा। ट्वीट में डर के उन पलों का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि वह झटके लगने के वक्त कंबल लेकर अपने कमरे से बाहर भाग गए। भूकंप के बाद उमर ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘2005 के भूकंप के बाद कभी श्रीनगर में कोई ऐसा झटका महसूस नहीं हुआ कि मुझे घर से बाहर निकलना पड़े। आज मैं अपना कंबल लेकर घर से बाहर भाग गया और अपना फोन भी लेना भूल गया…जिससे कि मैं उस वक्त भूकंप के बारे में लिख सकूं, जब जमीन हिल रही थी।

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