इस समय रमजान का पाक महीना चल रहा है। जिस दिन रमजान का पाक माह खत्म होता है, ठीक उसके अगले दिन ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है।महीने भर चलने वाला रमजान का उपवास ईद-उल-फितर के साथ खत्म होता है, जो दुनिया भर के मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। रमजान के आखिरी दिन चांद दिखने के साथ ही ईद की तारीख तय की जाती है। अभी तक भारत में ईद का चांद नहीं देखा गया है। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मोहम्मद मुकर्रम अहमद के अनुसार, ईद उल-फितर 13 या14 मई को मनाया जाएगा। मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार, यह साल का सबसे शुभ दिन होता है।
ईद-उल-फितर 2021
ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) का त्योहार चांद के निकलने पर निर्भर करता है। इस वर्ष चांद 12 मई दिन बुधवार को नहीं निकला है। ऐसे में चांद आज 13 मई दिन गुरुवार (Thursday) को निकलेगा, उसके अगले दिन 14 मई दिन शुक्रवार को ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा। सही तारीख का निर्धारण चांद के निकलने पर ही निर्भर करता है।
चांद का दिखना होता है जरूरी-
ईद का त्योहार हमेशा से ही चांद पर निर्भर करता है। ऐसे में चांद का दिखना जरूरी होता है। चांद देखने के साथ ही यह त्योहार मनाया जाता है। 11 मई को सऊदी अरब सहित कई खाड़ी देशों में चांद का दीदार करने की कोशिश की। लेकिन चांद नहीं दिखा। वहीं केरल (भारत) में भी मंगलवार (Tuesday) को चांद नहीं देखा जा सका। ऐसे में माना जा रहा है कि आज ईद का चांद दिख सकता है। अगर भारत (India) में 13 मई को चांद नजर आएगा तो ईद 14 मई को मनाई जाएगी।
ईद में रखें इन बातों का ध्यान–
इस कोरोना काल में एहितियात बरतना और सामाजिक दूरी का पालन करना भी जरूरी है। ईद पर हाथ मिलाने और गले लगने से परहेज करना चाहिए।
ईद का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, पैग़ंबर मुहम्मद साहब (Prophet Muhammad) के नेतृत्व में जंग-ए-बद्र में मुसलमानों की जीत हुई थी। जीत की खुशी में लोगों ने ईद मनाई थी और घरों में मीठे पकवान बनाए गए थे। इस प्रकार से ईद-उल-फितर का प्रारंभ जंग-ए-बद्र के बाद से ही हुई थी। ईद-उल-फितर के दिन लोग अल्लाह का शुक्रिया करते हैं। उनका मानना है कि उनकी ही रहमत से वे पूरे एक माह तक रमजान का उपवास रख पाते हैं। आज के दिन लोग अपनी कमाई का कुछ हिस्सा गरीब लोगों में बांट देते हैं। उनको उपहार में कपड़े, मिठाई, भोजन आदि देते हैं ।