शराब पीने वाले अक्सर मस्ती में रहते हैं। वे जब तक शराब पीते हैं, उन्हें लगता है कि इससे कुछ नहीं होने वाला। लोगों की बात को हमेशा वे नजरअंदाज करते हैं। कई बार वे यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि मैं तो बहुत कम शराब पीता हूं, इससे क्या होगा। पर एक नई रिसर्च में कहा गया है कि शराब (Liquor) की एक छोटी सी घूंट भी दिल की सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एक गिलास शराब या बीयर का एक छोटा कैन भी कार्डियक एरिथिमिया (atrial fibrillation) के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है। एर्टियल फाइब्रिलेशन हार्ट (atrial fibrillation heart) की ऐसी बीमारी है जिसमें हार्ट रेट (heart rate) अनियमित और बहुत ज्यादा तेज हो जाती है। जिस व्यक्ति के घर में इस तरह की हिस्ट्री है, उसमें शराब पीने के कारण इसका जोखिम सबसे ज्यादा है।
शराब और अल्कोहल के बीच संबंध
लंबे समय से शोधकर्ता अल्कोहल (alcohol) और एट्रियल फाइब्रिलेशन के बीच संबंधों को खोजने में लगे हुए थे पर अब तक यह साबित नहीं हो सका था। पहली बार शोधकर्ताओं ने यह साबित किया है कि शराब या अल्कोहल का सीधा संबंध हार्ट की बीमारी से है। शोधकर्ताओं ने इसे साबित करने के लिए एट्रियल फाइब्रिलेशन की हिस्ट्री वाले 100 लोगों को अध्ययन में शामिल किया। चार सप्ताह तक इनपर कड़ी नजर रखी गई। इनकी सभी चीजों का एक डाटा बनाया गया, कितनी बार अल्कोहल लेते हैं और हार्ट की प्रतिक्रिया रोजाना क्या है। इस सबका चार्ट बनाया गया।
कुछ ही घंटों के अंदर प्रभाव दिखाने लगती
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग शराब की एक घूंट भी रोजाना लेते हैं, उनमें एट्रियल फाइब्रिलेश या सांस की गति में शराब पीने के कुछ ही घंटे के अंदर अपना प्रभाव दिखाने लगती है। वे जितना अधिक शराब पीएंगे उनमें उतना अधिक सासां से संबंधित तकलीफ परेशान करने लगेगी। इस नए अध्ययन को एनाल ऑफ इंटरनेशनल मेडिसीन (Annals of International Medicine) में प्रकाशित किया गया है। वर्तमान और पहले के अध्ययन पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जिस व्यक्ति को पहले से एट्रियल फाइब्रिलेशन या सांस की गति में अचानक परिवर्तन हो जाने की बीमारी है, अगर वह शराब नहीं पीते हैं या शराब पीना कम कर देते हैं तो उसमें ऐसी समस्या कम होने लगेगी और एरिथमियास (arrhythmias ) बीमारी का जोखिम भी कम हो जाएगा। Share: