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उम्मीदों भरा 2021 : फिर से आएगी नौकरियों की बहार

नई दिल्ली।  2020 की कड़वी यादों को भुलाने और एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का हौसला लेकर उम्मीदों वाला 2021 हमारी जिंदगी में प्रवेश कर चुका है। सकारात्मक तरीके से इसका स्वागत करने के साथ ‘जीवन चलने का नाम…’ के मूलमंत्र को गांठ बांधकर हमें आगे बढ़ना है। 2020 में कोरोना ने कईयों के करीबियों को छीना तो कइयों की उम्मीदों के पंखों को कुचल डाला। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। नौकिरियां छिन गईं, कारोबार ठप हो गए। कहते हैं कि गहरे अंधेरे के बाद हमेशा सुबह की नईं किरण दिखाई देने लगती है। ऐसी ही नईं उम्मीद की किरण दिखाई है रोजगार संबंधी सेवाएं देने वाली वेबसाइट नौकरी डॉट कॉम के ‘हायरिंग आउटलुक सर्वे’ ने।

बाजार में हालात सुधरने के साथ ही हायरिंग कंपनियां भी नए साल में रिकवरी को लेकर आशावान हैं। करीब 26 फीसदी नियोक्ताओं को उम्मीद है कि अगले 3-6 महीने में भर्तियां कोविड से पहले के स्तर पर पहुंच सकती हैं। 34 फीसदी नियोक्ताओं का मानना है कि इसमें छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है। रोजगार संबंधी सेवाएं देने वाली वेबसाइट नौकरी डॉट कॉम के ‘हायरिंग आउटलुक सर्वे’ में यह खुलासा हुआ है। सर्वे के अनुसार, नियोक्ता नए साल को लेकर काफी आशावान लग रहे हैं।

कंपनी ने एक बयान में बताया कि इस सर्वे में देशभर के 1,327 रिक्रूटर्स और कंसल्‍टेंट्स को शामिल किया गया। नौकरी डॉट कॉम ने इसके अलावा अपने प्‍लेटफॉर्म पर उपलब्ध एक लाख से अधिक नियोक्ताओं के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया। कोविड से पहले का स्तर तय करने के लिए कंपनी ने जनवरी और फरवरी के रोजगार संबंधी आंकड़ों को आधार बनाया। सर्वेक्षण में पता चला कि कोविड के दौरान मेडिकल/हेल्‍थकेयर, आईटी, बीपीओ/आईटीईएस जैसे उद्योगों पर कम प्रभाव पड़ा है लेकिन खुदरा, हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल जैसे कुछ क्षेत्रों ने परिस्थिति का सामना करने में काफी संघर्ष किया है।

इसमें कहा गया है कि 2020 की शुरुआत कुल मिलाकर सकारात्मक हुई थी लेकिन, मार्च आते-आते कोविड-19 ने इसे बुरी तरह से प्रभावित कर दिया। लॉकडाउन के बाद तो  इसमें पूरी तरह से ठहराव ही आ गया। जून में अनलॉक की शुरुआत से ही रोजगार बाजार में धीरे-धीरे सुधार भी होने लगा।

हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें कोविड के दौरान सबसे ज्यादा नौकरियां गईं। होटल, रेस्तरां, बार, पर्यटन स्थल पूरी तरह से सुनसान थे। इन क्षेत्रों के नियोक्ताओं को ना सिर्फ मजबूरन अपने स्टाफ को नौकरी से हटाना पड़ा, बल्कि उन्हें खुद भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। अब इनमें फिर से उम्मीदें जगने लगी हैं। पर्यटन स्थलों पर बढ़ती सैलानियों की आवक से ये क्षेत्र धीरे-धीरे फिर से गुलजार होने लगे हैं।

अब जैसे ही वैक्सीन आने की खबरें पुख्ता होने लगी हैं तो नियोक्ताओं ने भी अपने बिजनेस को फिर से प्री-कोविड स्थिति में लाने की तैयारी शुरू कर दी है। बिजनेस के विस्तार के साथ ही उन्हें फिर से जरूरत महसूस होने लगी है लोगों काे हायर करने की। सर्वेक्षण के मुताबिक कोविड के दौरान जिन नियोक्ताओं ने अपने स्टाफ को गुडबाय बोल दिया था, वे उन्हें वापस बुलाने की तैयारी में हैं जबकि कुछेक नई भर्तियां करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

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